एनपी न्यूज़ डेस्क| Navpravah.com
विशेष सीबीआई न्यायाधीश बीएच लोया की मौत 2014 में हुई थी। न्यायाधीश लोया की मौत को लेकर दायर की गई जनहित याचिकाओं पर अब सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच सुनवाई करेगी। याचिकाकर्ताओं द्वारा दायर दो जनहित याचिकाओं में न्यायाधीश लोया की स्वतंत्र जांच की मांग की गई थी।
सर्वोच्च न्यायालय रजिस्ट्री की तरफ से शनिवार को जारी रिलीज में बताया गया कि मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के अलावा इस केस में एएम खांडविल्कर, डीवाई चंद्रचूड़ भी बेंच में शामिल होंगी। इस केस में मोड़, सर्वोच्च न्यायालय के चार वरिष्ठ न्यायाधीशों के प्रेस वार्ता के चार दिन बाद आया, जब न्यायाधीश अरूण मिश्रा और न्यायाधीश एमएम शांतागौदार ने यह कहा कि न्यायाधीश लोया केस की सुनवाई किसी योग्य बेंच में की जानी चाहिए। जिसके बाद यह कयास लगाए जाने लगे थे कि न्यायाधीश अरूण मिश्रा ने इस केस से अपना हाथ पीछे खींच लिया। शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा था कि इस मामले को किसी योग्य बेंच को सौंपा जाएगा।
याचिकाकर्ता तहसीन पूनावाला और मुंबई के पत्रकार बीआर लोन के वकीलों ने इसे मुख्य न्यायाधीश के सामने रखा। लोन की वकील अनिता शिनोय ने बताया कि वह मुख्य न्यायाधीश के कोर्ट में गयी और उनसे इस केस में आखिरी आदेश के लिए सुनवाई करने की तारीख की मांग की। शिनोय ने बताया कि 16 जनवरी को न्यायाधीश अरूण मिश्रा ने कहा था कि इस केस को किसी योग्य बेंच के पास एक हफ्ते के बाद सुनवाई करना चाहिए।
गौरतलब है कि न्यायाधीश लोया की मौत 1 दिसंबर 2014 को नागपुर में हुई थी। उस समय न्यायाधीश लोया सोहराबुद्दीन शेख फर्जी एनकाउंटर केस की सुनवाई कर रहे थे। भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह का इस केस में नाम था, जिन्हें उसी साल दिसंबर के आखिर में अदालत ने बरी कर दिया था।