एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
सचिन तेंदुलकर ने केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के द्वारा कक्षा 9 से 12 तब के छात्रों के लिए रोजाना खेल के पीरियड को अनिवार्य करने की नीति की तारीफ की है, इसके साथ ही उन्होंने इसे सभ कक्षाओं में इसे लागू करने की मांग भी की है।
तेंदुलकर ने सीबीएसई की अध्यक्ष अनिता करवल को लिखे पत्र में कहा, मोटापे के मामले में विश्व में भारत का तीसरा स्थान है जो गंभीर चिंता की बात है। अस्वस्थ युवा देश के लिए किसी महामारी की तरह है।
उन्होंने कहा, स्वास्थ्य और शारीरिक शिक्षा के लिए रोजाना एक पीरियड अनिवार्य करना इस दिशा में सही कदम है। इस पहल को हालांकि निश्चित रूप से और भी आगे बढाया जा सकता है।
तेंदुलकर ने कहा, इस पहल का समग्र उद्देश्य बच्चों में मोटापा को रोकना है। इसलिए बोर्ड अन्य सभी कक्षाओं में भी स्वास्थ्य और फिटनेस को अनिवार्य बनाने पर विचार करना चाहिए।
बोर्ड ने स्कूलों को खेल को लेकर दिशानिर्देश जारी किया है जिसमें कक्षा 9 से 12 तक रोजाना खेल के पीरियड रखने को कहा गया है ताकि छात्रों को सुस्त जीवनशैली से बचाया जा सके।
स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा पर केंद्रित दिशा-निर्देशों के अनुसार स्कूलों में अब हर दिन ‘‘खेल’’ का एक पीरियड (कक्षा) रखना अनिवार्य होगा। जिसमें बच्चों को खेल के मैदान में जाना होगा, नियमावली में उल्लेखित शारीरिक गतिविधियां करनी होगी और उसके अनुसार ही उन्हें ग्रेड दिए जाएंगे।
हाल ही में बच्चों में मैदान में खेले जाने वाले खेलों में दिलचस्पी तेजी से कम हुई है। बच्चों का रुझान मोबाइल और कंप्यूटर पर गेम्स खेलने की ओर बढ़ता जा रहा है जिससे उन्हें कई स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों के साथ साथ मनोवैज्ञानिक समस्याओं का भी सामना करना पड़ रहा है।
इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए सीबीएसई ने ये दिशानिर्देश जारी किए हैं। स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में बच्चों में बढ़ता मोटापा और उनकी कमजोर होती नजर दो ऐसी प्रमुख समस्याएं हैं जिन पर सबसे ज्यादा चिंता जताई जा रही हैं सचिन ने भी मोटापे की समस्या को लेकर ही सीबीएसई को पत्र लिखा है।