अनुज हनुमत | Navpravah.com
चित्रकूट | धर्मनगरी चित्रकूट में इस समय बाल श्रम तेज़ी से बढ़ता जा रहा है। समूचे देश में हज़ारों संस्थाओ से लेकर सरकार तक ने बालश्रम रोकने हेतु कई जरूरी उपाय कर रखे हैं, लेकिन सब ढकोसला नजर आ रहा है। बुन्देलखण्ड इलाके में बालश्रम तेजी से अपनी जड़ें जमा रहा है। इसी क्षेत्र में आने वाला धर्मनगरी चित्रकूट, जो मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की कर्मस्थली के रूप में जाना जाता है। यहां बालश्रम लगभग चारों तरफ फैला नजर आ रहा है।
सरकार से लेकर तमाम संस्थाओं द्वारा इसे रोकने हेतु चलाये जा रहे सभी कार्यक्रम बेमानी साबित हो रहे हैं। बालश्रम में पकड़े गए बच्चों के पुनर्वास की उचित व्यवस्था न होने के कारण जिले का श्रम विभाग भी खुद को असहाय महसूस करता है। देश की नीति निर्धारण करने वाले जनप्रतिनिधियों से लेकर सरकार के हर नुमाइंदे के पास इस प्रश्न का उत्तर नहीं है कि आखिर बालश्रम में पकड़े गए बच्चों के पुनर्वास को लेकर कोई ठोस और उचित व्यवस्था क्यों नही है !
बाल-श्रम का मतलब ऐसे कार्य से है, जिसमें कार्य करने वाला व्यक्ति कानून द्वारा निर्धारित आयु सीमा से छोटा होता है। इस प्रथा को कई देशों और अंतर्राष्ट्रीय संघटनों ने शोषित करने वाली प्रथा माना है। अतीत में बाल श्रम का कई प्रकार से उपयोग किया जाता था, लेकिन सार्वभौमिक स्कूली शिक्षा के साथ औद्योगीकरण, काम करने की स्थिति में परिवर्तन तथा कामगारों श्रम अधिकार और बच्चों के अधिकार की अवधारणाओं के चलते इसमें जनविवाद प्रवेश कर गया।
इस कानून के तहत संरक्षित किये गए बच्चों के साथ क्या होता है ?
इस क़ानून का उल्लंघन करने वाली परिस्थितियों से जिन बच्चों को बचाया जाता है उनका नए कानून के तहत पुनर्वास किया जाना चाहिए। ऐसे बच्चे, जिन्हें देख-भाल और सुरक्षा की आवश्यकता है, उन पर किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल एवं सुरक्षा) अधिनियम २०१५ लागू होता हैl
क्या बच्चों का पारिवारिक व्यवसाय में काम करना क़ानूनी है?
हाँ, १४ वर्ष से कम आयु के बच्चों को पारिवारिक व्यवसाय में नियोजित किया जा सकता हैl ऐसे व्यापार जिनका संचालन किसी करीबी रिश्तेदार (माता, पिता, भाई या बहन) या दूर के रिश्तेदार (पिता की बहन और भाई, या माँ के बहन और भाई) द्वारा किया जाता है, वह इस परिभाषा में शामिल हैं l
यह सुनिश्चित करना ज़रूरी है कि पारिवारिक व्यापार इस क़ानून के तहत परिभाषित खतरनाक प्रक्रिया या पदार्थ से जुड़ा न हो l ऊर्जा/बिजली उत्पादन से जुड़े उद्योग, खान, विस्फोटक पदार्थों से जुड़े उद्योग इस परिभाषा में शामिल हैं। खतरनाक व्यवसाय एवं प्रक्रिया की परिभाषा में सभी शामिल व्यवसायों की सूची यहाँ पढ़ेंl
हालाँकि, बच्चे पारिवारिक व्यवसाय में सहयोग दे सकते हैं, यह सुनिश्चित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है कि इससे उनकी पढ़ाई पर कोई असर न पड़े, इस हेतु उन्हें स्कूल से आने के बाद या छुट्टियों में ही काम करना चाहिए l
क्या माता-पिता/अभिभावकों को अपने बच्चों को काम करने की अनुमति देने के लिए दंडित किया जा सकता है?
सामान्यतः बच्चों के माता-पिता /अभिभावकों को अपने बच्चों को इस कानून के विरुद्ध काम करने की अनुमति देने के लिए सज़ा नहीं दी जा सकती है, परन्तु यदि किसी १४ वर्ष से कम आयु के बच्चे को व्यावसायिक उद्देश्य से काम करवाया जाता है या फिर किसी १४-१८ वर्ष की आयु के बच्चे को किसी खतरनाक व्यवसाय या प्रक्रिया में काम करवाया जाता है तो यह प्रतिरक्षा लागू नहीं होती और उन्हें सज़ा दी जा सकती है। क़ानून उन्हें अपनी भूल सुधारने का एक अवसर देता है, यदि वह ऐसा करते हुए पहली बार पकड़े जाते हैं, तो वह इसे समाधान/समझौते की प्रक्रिया से निपटा सकते हैं, पर यदि वह फिर से अपने बच्चे को इस क़ानून का उल्लंघन करते हुए काम करवाते हैं तो उन्हें १०,००० रूपए तक का जुर्माना हो सकता है।
क्या बच्चों को काम पर रखना क़ानूनी है?
नहीं, १४ साल से कम उम्र के बच्चों को काम देना गैर-क़ानूनी है। हालाँकि, इस नियम के कुछ अपवाद हैं, जैसे कि पारिवारिक व्यवसायों में बच्चे स्कूल से वापस आकर या गर्मी की छुट्टियों में काम कर सकते हैं l इसी तरह फिल्मों में बाल कलाकारों को काम करने की अनुमति है, खेल से जुड़ी गतिविधियों में भी वह भाग ले सकते हैं।
14-18 वर्ष की आयु के बच्चों को काम पर रखा जा सकता है (जो किशोर/किशोरी की श्रेणी में आते हैं), यदि कार्यस्थल सूची में शामिल खतरनाक व्यवसाय या प्रक्रिया से न जुड़ा हो।