शिखा पाण्डेय | Navpravah.com
भारत ने देश में निर्मित सतह से हवा में मार करनेवाली मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-3 का गुरुवार को ओडिशा के अब्दुल कलाम द्वीप सफलतापूर्वक प्रयोगिक परीक्षण किया। जमीन से जमीन पर मार करने वाला यह प्रक्षेपास्त्र परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है और 3500 किलोमीटर तक किसी भी लक्ष्य को भेद सकता है। यह प्रक्षेपास्त्र 17 मीटर लंबा, दो मीटर चौड़ा और 50 टन वजनी है, जो डेढ़ टन विस्फोटक ढोने की क्षमता रखता है।
अग्नि-3 प्रक्षेपास्त्र दो चरण वाली ठोस प्राणोदक प्रणाली से लैस है। यह देश में किसी भी स्थान से हवा में उड़ाया जा सकता है। इस मिसाइल में द्विस्तरीय ईंधन भरे जाने की खासियत है। प्रक्षेपण के आंकड़ों का विश्लेषण करने के लिए इसके मार्ग की निगरानी टेली मेट्री स्टेशनों, इलेक्ट्रो ऑप्टिकल प्रणाली और तट के निकट लगे आधुनिक रडारों तथा इंपैक्ट प्वाइंट के निकट लगे नौ सैनिक जहाजों के जरिए किया गया।
यह प्रक्षेपास्त्र हाइब्रिड नेविगेशन गाइडेंस एंड कंट्रोल प्रणाली के साथ एडवांस ‘ऑन बोर्ड कंप्यूटर’ से लैस है। इसका पहला परीक्षण नौ जुलाई 2006 को किया गया था। मिसाइल के परिक्षण के मौके पर गुरुवार को रक्षा मंत्रालय से जुड़े आइटीआर और डीआरडीओ के वरिष्ठ अधिकारी व वैज्ञानिक दल उपस्थित था।