अयोध्या. लोकसभा में पीएम मोदी ने अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए गठित श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट का एलान कर दिया है। जिसके बाद से ही अब अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए गठित ट्रस्ट में अध्यक्ष के नाम पर चर्चा तेज हो गई है। वहीं इस ट्रस्ट में अयोध्या के 3 सदस्य है।
अयोध्या के तीन लोग शामिल किये गए हैं। अयोध्या राज परिवार के मुखिया बिमलेंद्र मोहन मिश्र, निर्मोही अखाड़ा के महंत दिनेन्द्रदास और होम्योपैथी मेडिसिन बोर्ड के रजिस्ट्रार डॉ अनिल मिश्र सदस्य बनाये गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लोकसभा में बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बना दिया है। इस ट्रस्ट का नाम श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र होगा। यह स्वतंत्र होगा और भगवान राम के जन्मस्थान पर एक विशाल मंदिर के लिए सभी निर्णय लेने में सक्षम होगा।
इस ट्रस्ट के अध्यक्ष पद के लिए नृत्य गोपाल दास प्रबल दावेदार हैं। राम मंदिर न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास का नाम राम मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष पद के लिए सबसे आगे चल रहा है। अयोध्या के साधु-संतों और विहिप को उम्मीद है कि ट्रस्ट का अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास बनाए जा सकते हैं।
राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए घोषित ट्रस्ट का अध्यक्ष मणिराम दास जी की छावनी के महंत व श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपालदास को बनाये जाने का संभावना है। इसके संकेत उनके आश्रम की सुरक्षा कड़ी किये जाने से भी मिले हैं। हालांकि बुधवार को न्यास अध्यक्ष अयोध्या से बाहर थे, फिर भी ट्रस्ट गठन की जानकारी सावर्जनिक होने के पूर्व ही उनके आश्रम व उस ओर जाने वाले रास्तों पर बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात कर दिए गए।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में 15 सदस्य होंगे। इनमें एक ट्रस्टी हमेशा दलित समाज से होगा। ट्रस्ट अयोध्या में भगवान राम के मंदिर के निर्माण और उससे संबंधित विषयों पर निर्णय के लिए पूर्ण रूप से स्वतंत्र होगा। पीएम मोदी के ट्रस्ट के गठन के ऐलान के बाद कयास लगाये जा रहे हैं कि आखिर ट्रस्ट का स्वरूप कैसा होगा।
बताया जा रहा है ट्रस्ट में 15 सदस्यों में गृह मंत्रालय के ज्वाइंट सेक्रेटरी तथा अयोध्या के डीएम (पदेन) होंगे। इनके साथ ही निर्मोही अखाड़ा से एक सदस्य, राम जन्मभूमि न्यास के महंत नृत्यगोपाल दास और रामजन्म भूमि आंदोलन से लगातार जुड़े रहे वीएचपी के महामंत्री चंपत राय सदस्य रहेंगे। बाकी के छह सदस्य पर फैसला केंद्र सरकार कर रही है। जिसमें समाज के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े हुए लोग होंगे। एक ट्रस्टी हमेशा दलित रहेगा। राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण उसी नक्शे के आधार पर होगा, जो राम जन्मभूमि न्यास ट्रस्ट ने बनाए थे।