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रेटिंग– 2/5
निर्माता– भूषण कुमार
निर्देशक– विशाल पंड्या
लेखक– विक्रम 4/अनुपम सरोज
प्रमुख कलाकार– शरमन जोशी, ज़रीन ख़ान, करण सिंह ग्रोवर, डेज़ी शाह।
नफ़रत, धोखे, बदले और सेक्स के इर्द गिर्द घूमती है हेट स्टोरी 3 की कहानी। जिसे लिखा है विक्रम भट्ट और अनुपम सरोज ने। निर्देशक विशाल पंड्या ने शायद युवाओं को खींचने के लिए ही भरपूर मात्रा में सेक्स सीन्स रखें हैं, जिससे फ़िल्म को एक अच्छी शुरुआत मिल सके।
कहानी–
आदित्य दीवान (शरमन जोशी) एक मशहूर उद्योगपति हैं, जो अपनी पत्नी शिया (ज़रीन ख़ान) के साथ ख़ुशी-ख़ुशी जीवन बिताते हैं। उनकी सारी कंपनियां बेहतरीन काम करती हैं।अर्थ जगत और राजनीती में अच्छी दखल रखने वाला आदित्य तब परेशान हो जाता है, जब उसकी ज़िन्दगी में गौरव सिंघानिया की एंट्री होती है।
पहली ही मुलाक़ात में आदित्य की हालात सदमे जैसी हो जाती है, जब गौरव आदित्य की बीवी शिया के साथ एक रात बिताने की बात कहता है। यहीं से कहानी रफ़्तार पकड़ती है।
आदित्य की कंपनी में काम करने वाली काम्या ( डेज़ी शाह) आदित्य की मुश्किलों का हल निकालना चाहती है लेकिन वह भी गौरव सिंघानिया की रणनीतियों में फंस जाती है और अपनी जान गंवा बैठती है। अपनी चाल से गौरव आदित्य को सलाखों तक पहुँचाने में कामयाब हो जाता है। और सबूतों के आधार पर ऐसे फंसाता है कि बेल भी न मिल पाने की स्थिति बन जाती है। तब एक बार फिर गौरव शिया के सामने यह शर्त रखता है कि बस एक रात साथ में गुज़ार कर वह अपने पति की ज़िन्दगी बचा सकती है। आदित्य के मना करने के बावजूद शिया गौरव के साथ रात बिताने जाती है और वहाँ से निकलने के समय वह उस राज़ के करीब पहुँच जाती है, जो पूरी कहानी को अचानक से एक नई दिशा में मोड़ देता है। कहानी का यही ट्विस्ट दिलचस्प है।
बतौर कलाकार शरमन ने बेहतर प्रदर्शन किया है, जबकि डेज़ी, करण और ज़रीन कहीं-कहीं कमज़ोर नज़र आए। स्क्रीनप्ले बेहतर है, दर्शकों को बाँध कर रखती है।
संगीत–
इन्दर और सनी बावरा ने औसत संगीत दिया है। हालाँकि गानों ने युवाओं को काफी रिझाया है।
क्यों देखें–
अगर कोई विकल्प न हो या फिर आपको एडल्ट और थ्रिलर फिल्में पसंद हैं तो ज़रूर देख सकते हैं।
क्यों न देखें–
हेट स्टोरी 3 इसके पहले वाली पार्ट 2 के काफी करीब है। कुछ ख़ास नयापन नहीं फ़िल्म में।