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महाराष्ट्र में वाशिम जिले के एक मोतियाबिंद जांच शिविर में चिकित्सकों द्वारा ऑपरेशन में की गई लापरवाही के चलते चार लोगों की आंखों की रोशनी चली गई और 19 अन्य लोगों की देखने की शक्ति बुरी तरह प्रभावित हुई है। राज्य स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारीके मुताबिक़ गड़बड़ी के मद्देनजर मरीजों का ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर को निलंबित कर दिया गया है, जबकि अकोला चिकित्सकीय महाविद्यालय के एक चिकित्सक के निलंबन की भी सिफारिश भी की गई है। उन्होंने कहा, ‘‘ हमें इस संबंध में 31 अक्टूबर को ही रिपोर्ट मिली थीं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने तत्काल कार्रवाई की और वाशिम एवं अकोला से 22 मरीजों को मुंबई के जे जे अस्पताल में भर्ती कराया है।
वाशिम अस्पताल और अकोला चिकित्सकीय कॉलेज में चिकित्सकों द्वारा गंभीर लापरवाही बरते जाने का पता लगने और रिपोर्ट मिलने के बाद राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने मोतियाबिंद जांच शिविर में करीब 14 मरीजों का ऑपरेशन करने वाली वाशिम की सिविल सर्जन सुरेखा मेंडे और डॉ.पी.पी. चौहान को निलंबित करने का आदेश दिया है। मुंबई के जे जे अस्पताल में आंखों के प्रतिष्ठित सर्जन टी पी लहाने ने बताया कि हम मरीजों की दृष्टि सही करने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ उनकी आंखों में अत्यंत गंभीर ‘स्यूडोमोनास’ संक्रमण हुआ है। अभी तक हमने 21 मरीजों का आपरेशन किया है, जिनमें से 14 अत्यंत गंभीर रूप से प्रभावित हैं। हम चार मरीजों की आंखों की रौशनी लौटाने में सफल हुए हैं, जबकि चार अन्य मरीजों की आंखों की रौशनी चली गई हैं। लहाणे ने कहा, ‘‘आंखों संबंधी गंभीर समस्या से ग्रस्त 19 मरीज इस समय अस्पताल में भर्ती हैं और हम उनका उपचार करने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं। डॉ. लहाणे ने कहा कि यदि मरीजों को समस्या के शुरूआती चरण में भी जे जे अस्पताल लाया गया होता तो स्थिति इतनी नहीं बिगड़ती।
स्वास्थ्य अधिकारी के मुताबिक़, ‘‘इन मरीजों ने जब वाशिम अस्पताल आना शुरू किया तो चिकित्सकों ने समस्या का कारण जानने की कोशिश करने के बजाए उन्हें अकोला में चिकित्सकीय कॉलेज में भेज दिया और वहां भी दस से अधिक दिनों तक उन पर उचित ध्यान नहीं दिया गया, जो कि गंभीर एवं आपराधिक लापरवाही दर्शाता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘स्वास्थ्य विभाग ने अकोला चिकित्सकीय कॉलेज के नेत्र रोग विशेषज्ञ उमेश तिवारी के खिलाफ कार्रवाई करने के संबंध में चिकित्सकीय शिक्षा विभाग से सिफारिश की है।’’ फिलहाल राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. दीपक सावंत इन मरीजों को मुहैया कराए जा रहे उपचार की स्वयं जानकारी ले रहे हैं।