रेलवे की खस्ताहाल व्यवस्था, पानी के लिए परेशान यात्री

अनुज हनुमत
मानिकपुर (चित्रकूट)
इन दिनों पूरे देश में भयंकर गर्मी पड़ रही है, जिस कारण आम जनता बूँद बूँद पानी के लिये तरस रही है। सबसे ज्यादा विकराल स्थिति बुन्देलखण्ड की है जहाँ पानी की सबसे ज्यादा किल्लत है। ऐसे ही स्टेशनों का सबसे बुरा हाल है। बुन्देलखण्ड के स्टेशनों की हालत सबसे ज्यादा दयनीय है।
मानिकपुर जंक्शन बुन्देलखण्ड का सबसे ज्यादा चहल पहल वाला स्टेशन है, जहां से दिनभर में  सैकड़ों की संख्या में ट्रेने आती जाती हैं और लाखों यात्री रोजाना सफर करते हैं पर रेलवे प्रशासन द्वारा पानी की कोई ठोस व्यवस्था नहीं की गई है, जिसकी वजह से यात्रियों को महंगी दरों पर लोकल पानी की बोतल खरीदनी पड़ती है। एक तरफ रेलवे प्रशासन द्वारा प्लेटफॉर्म्स पर पानी की कोई कारगर व्यवस्था नहीं की गई है, वहीं दूसरी ओर स्टेशनों में बड़ी मात्रा में अवैध पानी बेचा जा रहा है।
स्थानीय रेल प्रशासन और विक्रेताओं की ही मिलीभगत का परिणाम है कि स्टेशन में पानी के जिन रजिस्टर्ड कंपनियों के बोतल उचित रेट पर बिकने चाहिए, वही बड़ी मात्रा में लोकल पैकिंग वाला पानी मनमानी कीमत पर धड़ल्ले से बेंचा जा रहा है। एक लीटर पानी के बोतल की कीमत 20 रूपये तक वसूली जा रही है, जबकि प्रिंट रेट 15 रूपये होता है। ज्यादा पूछताछ करने पर आम यात्रियों को जवाब मिलता है कि लेना हो लो नही तो आगे बढ़ों। वज्र गर्मी का लाभ उठाते व्यापारी आम आदमी के बारे में सोचना भी पसंद नहीं करते हैं। जिसकी वजह से भारी मात्र में यात्री त्रस्त हैं।
जानकारी के लिए आपको बताते चलें कि मौजूदा समय मानिकपुर जंक्शन में चार प्लेटफार्म हैं, जहाँ सिर्फ प्लेटफार्म नम्बर चार पर ही स्वच्छ और ठंडा पानी आता है लेकिन इस प्लेटफार्म में इक्का दुक्का ट्रेनें ही आती हैं। इस प्लेटफार्म का निर्माण अभी हाल ही में हुआ है और यहाँ एक बोर किया गया है। बाकी के एक, दो और तीन नम्बर प्लेटफार्म में पानी की टोटियां पानी तो देती हैं पर उसके साफ स्वच्छ होने की कोई गारन्टी नहीं। हमने कुछ यात्रियों से बातचीत की तो सभी ने इसके लिए रेल प्रशासन को जिम्मेदार माना। 38 वर्षीय जानकी का कहना है कि एक तो वैसे भी हमारे बुंदेलखंड में सूखा पड़ा है और पानी की भारी किल्लत है। और जब हम स्टेशन आते हैं तो यहाँ भी पानी नहीं मिलता। हम 20 रूपये का इतना मंहगा पानी नहीं खरीद सकते, इसलिए मजबूरन हमें गन्दा और गरम पानी ही पीना पड़ता है ।
वैसे ये हाल तो भारत के अधिकांश स्टेशनों के हैं पर बुन्देलखण्ड जिस प्रकार भीषण सूखे की चपेट में है वैसे में कम से यहाँ के स्टेशनों में आमजनमानस के लिए पानी की समुचित व्यवस्था की जानी चाहिए और अवैध रूप से मनमाने रेट पर बिक रहे पानी पर रोक लगाई जानी  चाहिए ।

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