रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में ‘प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना’ का शुभारंभ किया।देशभर में आज भी चूल्हे पर खाना बनाने वाली महिलाओं को अब धुंए से मुक्ति मिलेगी। इन गरीब परिवारों को उज्जवला योजना के तहत अगले तीन साल में मुफ्त एलपीजी कनेक्शन दिया जाएगा।अगले 3 साल में गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले 5 करोड़ परिवारों को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन दिए जाएंगे।
उज्ज्वला योजना की ये शुरुवात वास्तव में प्रधानमंत्री मोदी की उस ‘गिव इट अप’ मुहिम से ही हो गई थी जिसके तहत उन्होंने लोगों से गैस सब्सिडी छोड़ने की अपील की थी।
प्रधानमंत्री ने ‘गिव इट अप’ मुहिम की शुरूआत पिछले साल 27 मार्च को की थी।इसके लिए टीवी और रेडियो पर विज्ञापन दिए गए। इस मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए बड़ी बड़ी हस्तियां और सितारे भी इसके साथ जुड़े।गैस सब्सिडी छोड़ने वालों में खास के साथ आम लोग भी जुड़ते गए और अब एक साल में एक करोड़ 10 लाख से भी ज्यादा लोग गैस सिलेंडर पर मिलने वाली सब्सिडी को छोड़ चुके हैं। इन्हीं 1 करोड़ से भी ज्यादा लोगों के त्याग का नतीजा है कि अब उन घरो में भी गैस पहुंचेगी जहां अब तक चूल्हे पर खाना बनता था।
सरकारी दावों के मुताबिक देशभर में इतने लोगों के सब्सिडी छोड़ने की वजह से सरकार की करीब 5 हजार करोड़ रुपए की बचत हुई है। अब उन 1 करोड़ लोगों के त्याग का फायदा देश के करीब 5 करोड़ परिवार तक पहुंचाने की तैयारी है।
अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के खास मौके पर इस योजना को प्रारंभ करते हुए पीएम मोदी बोले कि मैं गैस सब्सिडी छोड़ने वालों को शत शत नमन करता हूँ जिनके कारण आज ये संभव हो सका है।प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने श्रम कानून में ज़रूरी बदलाव किए हैं।मजदूरों के लिए 1000 रुपये न्यूनतम पेंशन की शुरुवात की गई है। उन्होंने बलिया जिले के लोगों को भी उनके प्रेमपूर्ण स्वागत के लिए नमन किया।
बलिया के कार्यक्रम के बाद मोदी वाराणसी जाएंगे जहाँ वे 1000 इ-रिक्शा वितरित करेंगे और रिक्शा चालकों के परिवार से भी मिलेंगे।शाम को पीएम अस्सी घाट पर 11 इ-बोट गंगा को समर्पित करेंगे।इसके साथ ही अस्सी घाट पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम शाम- ए-बनारस में भी शिरकत करेंगे।