भारत के DNA में सहिष्णुता, आमिर को कहीं जाने की ज़रूरत नहीं- नक़वी

ShikhaPandey@Navpravah.com

आमिर खान के असहिष्णुता मामले पर दिए गए बयान के दूसरे दिन केंद्रीय मंत्री मुख़्तार अब्बास नक़वी ने कहा कि सहिष्णुता तो भारत और भारतीयों के DNA में है और आमिर खान को ना तो देश छोड़ने की आवश्यकता है और ना ही भारत देश आमिर को कहीं जाने देगा।

रामनाथ गोयनका पत्रकारिता सम्मान समारोह में असहिष्णुता के मुद्दे पर आमिर के दिए गए विवादित बयान के जवाब में नक़वी ने कहा कि असहिष्णुता मामले को राजनीतिक तूल दिए जाने से शायद आमिर व उनका परिवार विचलित हुआ हो लेकिन मैं उनसे इतना ही कहना चाहता हूँ कि इसमें देश छोड़ने पर विचार करने की कोई आवश्यकता नहीं और ना ही देशवासी उन्हें कहीं और जाने की अनुमति देंगे। नकवी ने कहा कि इस देश के खून में ही हमेशा से सहिष्णुता रही है।इसीलिए उन्हें इस विषय में चिंता करने की या ऐसा विचार करने की कोई आवश्यकता नहीं। हमारे देश में असहिष्णुता के लिए कोई स्थान ही नहीं है। इसीलिए उन्हें अलग थलग करने वाली घटनाओं व ऐसे बनावटी अभियानों पर ध्यान नहीं देना चाहिए।

गौरतलब है कि सोमवार को आमिर खान ने एक सम्मान समारोह में देश में बढ़ती असहिष्णुता के डर से, असुरक्षा की भावना से अपनी पत्नी के देश छोड़ कर जाने पर विचार करने की बात कही थी।

आमिर खान के इस विवाद पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा की केंद्र सरकार को अपने आलोचकों को देशद्रोही कहने की बजाय आम जनता तक जा कर उनकी भी राय जाननी चाहिए कि उन्हें किस बात का भय सता रहा है और उसके लिए सरकार को कौन से कदम उठाने चाहिए। इसके जवाब में बीजेपी नेता शाहनवाज़ हुसैन ने इस मुद्दे को प्रधानमंत्री के खिलाफ कांग्रेस की साजिश करार देते हुए आमिर खान को असहिष्णुता के मुद्दे पर खुले वाद-विवाद की चुनौती दे डाली।

इस विषय पर गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजु ने कहा कि इस प्रकार के बयान दुनिया भर में हमारे देश और प्रधानमंत्री की छवि को नीचा दर्शाते हैं। एन.डी.ए के सत्ता में आने के बाद से जातिवाद के मुद्दों को ज़्यादा बढ़ावा दिया जा रहा है।

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने इस विषय में कहा कि “आमिर ‘अतुल्य भारत’ के पर्यटन के ब्रांड एम्बेसडर हैं और यह बात खुद में अतुल्य है कि वे इस सरकार के भी ब्रांड एम्बेसडर हैं। वे एक खुले मंच पर सूचना एवं प्रसारण मंत्री अरुण जेटली के सामने अपने मन की बात बिना किसी अवरोध के रख रहे हैं, जो कि विचारों की स्वतंत्र अभिव्यक्ति को दर्शाता है।”

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