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पंजाब के पठानकोट स्थित वायुसेना ठिकाने पर शनिवार को हुए हमले के बाद रविवार को भी मुठभेड़ जारी है। हाल ही में एक और आतंकी को भी मार दिया गया है। इस आतंकी समेत अभी तक 5 आतंकियों को ढेर कर दिया गया है। नई दिल्ली में मीडिया से बातचीत में गृह सचिव राजीव महर्षि की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार मुठभेड़ के दौरान अब तक हमारे 7 जवान शहीद हो गए हैं और करीब 20 जवान घायल हो गए हैं।
महर्षि ने कहा, आतंकियों की मंश वायुसेना के ठिकाने पर मौजूद रणनीति उपकरणों और विमानों को नष्ट करने की थी। लेकिन समय रहते सुरक्षा कर्मियों द्वारा की गई कार्रवाई की वजह से वे सफल नहीं हो पाए।
केंद्र सरकार ने कहा कि वह इसे लेकर अनिश्चित है कि क्या वहां और आतंकवादी छुपे हुए हैं! वायुसेना के अड्डे के भीतर और आस-पास के इलाकों में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान जारी है। इस अभियान में राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी), वायु सेना, अर्ध सैनिक बल और पंजाब पुलिस सहित अन्य सुरक्षा एजेंसियां शामिल हैं. वायु सेना के हेलीकॉप्टर भी इस अभियान में शामिल हैं।
बता दें कि कल एयरबेस पर हुए हमले के बाद जब चार आतंकियों को मार गिराया गया था, तो माना जा रहा था कि आतंक का हमला अब खत्म हो गया है। लेकिन सुरक्षाबलों की तरफ से रातभर ऑपरेशन जारी रहा। सुबह भी सुरक्षाबलों ने जमीन से लेकर आसमान तक सर्च ऑपरेशन जारी रखा था।
इस बीच एक बम को डिफ्यूज करते वक्त एनएसजी के एक लेफ्टिनेंट कर्नल निरंजन ई कुमार शहीद हो गए। साथ ही 3 जवान भी घायल हैं। उधर पठानकोट आतंकी हमले की जांच के लिए एनआईए की टीम भी पठानकोट पहुंच गई है।
देश के गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को बताया कि अगर हमले की पूर्व सूचना नहीं होती, तो यह हमला और बड़ा हो सकता था। पठानकोट में वायुसेना के अड्डे पर हुए आतंकवादी हमले और उसके बाद सुरक्षा बलों के साथ उनकी लगभग 15 घंटे तक चली मुठभेड़ में राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के एक कमांडो शहीद हो गए। उन्होंने इस घटना पर दुख जताया।
केंद्रीय रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पठानकोट आतंकी हमले के घटनाक्रम से अवगत कराया। रक्षामंत्री ने कर्नाटक के तुमकुर जिले में हेलीकॉप्टर कारखाने का शिलान्यास समारोह के मौके पर प्रधानमंत्री को इसकी जानकारी दी।
पठानकोट हमले में शहीद होने वाले जवानों के नाम-
लेफ्टिनेंट कर्नल निरंजन ई कुमार, कैप्टन फतेह सिंह, कांस्टेबल जगदीश सिंह, कांस्टेबल गुलवंत सिंह, कांस्टेबल संजीव कुमार, कमांडो करतार सिंह, कांस्टेबल गुरसेवर कारपोर।
शहीदों के परिजनों को अपने बेटों के खोने का गम तो है, लेकिन फक्र भी है कि वो देश के लिए शहीद हुए।