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बॉलीवुड के शहंशाह, बिग बी अमिताभ बच्चन जल्द ही एक व्हीलचेयर शतरंज मास्टर के रूप में बिजॉय नाम्बियार द्वारा निर्देशित फ़िल्म ‘वज़ीर’ में नज़र आने वाले हैं। इस फ़िल्म में फरहान अख़्तर और अदिति राव हैदरी भी मुख्य भूमिका में नज़र आएंगे। विधु विनोद चोपड़ा व राजकुमार हिरानी के प्रोडक्शन में बनी यह फ़िल्म 8 जनवरी 2016 को रिलीज़ होगी।नवप्रवाह.कॉम के साथ एक खास बातचीत में अमिताभ बच्चन ने फ़िल्म ‘वज़ीर’ की सनसनीखेज़ कहानी व निर्देशक संजय लीला भंसाली के साथ आपने तालमेल के विषय में बड़ी स्पष्ट और रोमांचक बातें कीं। प्रस्तुत हैं उस मुलाकात के कुछ खास अंश-
प्रश्न: अपनी आगामी फ़िल्म ‘वज़ीर’ के बारे में कुछ बताइए ।
अमिताभ: यह फ़िल्म मूलतः 2 लोगों की कहानी है। फ़िल्म में दो किरदार हैं, पहला दानिश अली, एक एटीएस ऑफिसर जो किरदार फरहान अख़्तर निभा रहे हैं और दूसरा ओंकारनाथ धार, एक दिल्ली निवासी, जो किरदार मैं निभा रहा हूँ। दोनों की अपनी अलग समस्याएँ हैं, जो फ़िल्म के दरम्यान आगे चल कर जुड़ जाती हैं, एक हो जाती हैं।
प्रश्न: आपने इस रोल के लिए क्या खास तैयारियां कीं?
अमिताभ: फ़िल्म के लिए मुझे कोई खास तैयारी नहीं करनी पड़ी, व्हीलचेयर पर बैठने के अलावा, जिसे मैंने फ़िल्म में एक प्रॉप के तौर पर इस्तेमाल किया है।
प्रश्न: पहले यह फ़िल्म अंग्रेजी में बनाने वाली थी। अगर फ़िल्म अंग्रेजी में बनती तब भी आप यह फ़िल्म करते?
अमिताभ: मैंने यह कहानी सालों पहले ही सुनी थी और अगर फ़िल्म अंग्रेजी में बनती तो भी मैं यह फ़िल्म अवश्य करता।
प्रश्न: निर्देशक बिजॉय नाम्बियार के विषय में आपका क्या कहना है?
अमिताभ: बिजॉय एक युवा और कुशल निर्देशक हैं। उन्होंने मणिरत्नम को दो फिल्मों में असिस्ट किया है और वे एक आधुनिक निर्देशक हैं। उनके पास एक उत्तम दर्ज़े की सोच व विचार शक्ति है। नए विचारों वाले लोगों के साथ काम करना मेरे लिए हमेशा कुछ नया सीखने का जरिया होता है। इसलिए उनके साथ काम करना मेरे लिए बहुत सौभाग्यपूर्ण था।
प्रश्न: युवा कलाकारों के प्रस्तुतीकरण पर आप अक्सर एप्रिसिएशन लैटर क्यों लिखते हैं?
अमिताभ: युवा कलाकारों के प्रस्तुतीकरण को मैं बहुत पसंद करता हूँ। इसलिए मैं उनके लिए एप्रिसिएशन लैटर लिखता हूँ। जब वे अपने आप को अलग अलग किरदारों में सकुशल चित्रित करते हैं, तो मुझे बहुत ख़ुशी होती है। जब भी मैं कोई फ़िल्म देखता हूँ और मुझे किसी एक्टर की भूमिका पसंद आती है, मैं उन्हें पत्र ज़रूर लिखता हूँ। मैं दिलीप कुमार साहब का बहुत बड़ा प्रशंसक हूँ और मेरे पास उनके द्वारा लिखा गया एक एप्रिसिएशन लैटर भी है।
प्रश्न: हाल ही में उठे सेंसरशिप के मुद्दे पर आपका क्या कहना है?
अमिताभ: मैं इस विषय में कोई टिप्पणी नहीं करूंगा क्योंकि फैसला सरकार के हाथ में है। भारत जैसे एक लोकतांत्रिक देश में हर कोई अपने अधिकार के लिए कानूनन लड़ सकता है। अब यह उन पर निर्भर करता है कि अपने नियमों के आधार पर वे किस सीन को प्रस्तुत करने की अनुमति देते हैं और किसे सेंसर करते हैं। यह प्रक्रिया इनकम टैक्स इत्यादि की प्रक्रिया जैसी ही है, जहाँ आप यदि सहमत नहीं हैं तो आप कानून का सहारा ले सकते हैं।
प्रश्न: कोलकाता शहर से अपने संबंधों के विषय में कुछ बताइये।
अमिताभ: ग्रेजुएशन के बाद मैंने अपनी पहली नौकरी कोलकाता में की थी। मैं वहाँ 8 सालों तक रहा और वे साल हमेशा मेरे लिए यादगार रहेंगे। कोलकाता के लोग बहुत अच्छे हैं और कोलकाता जाना मेरे लिए हमेशा एक ख़ुशी का विषय होता है। मैं अपने सह-कलकारों से भी हमेशा कहता हूँ कि वे एक बार कोलकाता ज़रूर जाएं, क्योंकि वहाँ के लोग जिस चीज़ से प्यार करते हैं उसके विषय में बहुत भावुक होते हैं।
प्रश्न: सुजॉय घोष की आगामी फ़िल्म ‘तीन’ में आप अभिनेता नवाज़ुद्दीन सिद्दीक़ी के साथ काम कर रहे हैं, उनके विषय में आपका क्या कहना है?
अमिताभ: मैं हमेशा से नवाज़ुद्दीन का बहुत बड़ा प्रशंसक रहा हूँ और वे बहुत उम्दा अभिनेता हैं। मुझे याद है, मैंने उनके साथ शूजीत सरकार की फ़िल्म ‘शू बाईट’ में काम किया था, जिसमें उनका बहुत छोटा सा रोल था पर मैं उनके अभिनय को देख कर बिलकुल हतप्रभ रह गया था। उनके साथ फ़िल्म ‘तीन’ में काम करना मेरे लिए बहुत बड़े सौभाग्य की बात है।
प्रश्न: कोलकाता में तो काफी शूट किया है आपने, इलाहाबाद में कब करेंगे, कोई योजना है?
अमिताभ : बहुत पहले धर्मवीर भारती जी की एक पुस्तक ‘गुनाहों के देवता’ पर फिल्म बन रही थी, उसमे शूट किया था। लेकिन वह फिल्म किसी वजह से पूरी नहीं हो सकी। हाँ, फिलहाल तो ऐसा कुछ नहीं है, जिसकी वजह से अपनी नगरी में शूट करने का मौक़ा मिले।
प्रश्न: ऐसी कई खबरें आयीं कि आपको फ़िल्म ‘धूम4’ व ‘रोबोट2’ के लिए अप्रोच किया जा रहा है, क्या यह सच है?
अमिताभ: मैं खुद ये बात पहली बार सुन रहा हूँ कि मुझे ‘धूम4’ के लिए अप्रोच किया गया है। फ़िल्म ‘रोबोट’ में मुझे विलन के रोल के लिए पूछा गया था, पर रजनीकांत ने कहा कि जनता मुझे खलनायक की भूमिका में स्वीकार नहीं कर पाएगी।
प्रश्न: संजय लीला भंसाली के साथ आपका तालमेल कैसा है?
अमिताभ: संजय के पास अपनी फिल्मों के लिए एक बहुत तेज़ नज़र है और उनका हर एक फ्रेम एक पेंटिंग की तरह होता है। वे अपनी फिल्में बहुत अच्छी तरह बनाते हैं और मैं जब भी उनकी कोई फ़िल्म देखता हूँ, उनको एक अत्यंत निपुण निर्देशक के रूप में पाता हूँ।
सम्पादन: शिखा पाण्डेय