सौम्या केसरवानी | Navpravah.com
कैंसर ऐसा रोग है, जो धीरे-धीरे वैश्विक महामारी का रूप लेता जा रहा है, कैंसर कई प्रकार के होते हैं, आपको यह जानकर हैरानी होगी कि कैंसर लगभग सौ से भी ज्यादा प्रकार के होते हैं।
पुरुषों में सबसे ज्यादा हेड, गला, फेफड़े, प्रोस्टेट, कोलन, ओसेफेगस कैंसर के मामले सामने आते हैं जबकि महिलाओं में होने वाले कैंसरों में ब्रेस्ट, कर्विक्स, गैलब्लैडर, ओवरी और लंग प्रमुख हैं।
एक स्टडी के मुताबिक, पिछले कुछ सालों में दिल्ली वालों को गैलब्लैडर कैंसर होने का खतरा भी बढ़ रहा है। 1998 में दिल्ली में पुरुषों को अपनी जकड़ में लेने वाले कैंसर में गैलब्लैडर कैंसर 24वें नंबर पर था जबकि महिलाओं को होने वाले कैंसर के मामलों में पांचवे नंबर पर था।
14 वर्षों बाद 2012 में जीबीसी की रैकिंग बहुत ऊपर पहुंच गई है। 2012 में जीबीसी की रैकिंग 9वें स्थान पर पहुंच गई है और महिलाओं को होने वाले कैंसर में तीसरे नंबर पर है।
एम्स की टीम ने दिल्ली में गैलब्लैडर कैंसर के मामलों पर 25 वर्षों के डेटा का विश्लेषण किया है। यह डेटा सरकार के पॉपुलेशन बेस्ड कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम से लिया गया है।
डॉक्टरों का कहना है कि हालांकि गैलब्लैडर होने के सटीक कारण का पता नहीं चल पाया है लेकिन मोटापा और पर्यावरणीय घटक इस चिंताजनक बीमारी के जिम्मेदार हो सकते हैं।
एम्स के भीमराव अमेबडकर इंस्टिट्यूट रोटरी कैंसर हॉस्पिटल के हेड प्रोफेसर जीके रथ ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, दिल्ली गैलब्लैडर कैंसर के मामले में भारत में दूसरे स्थान पर है। भारत में 1 लाख की आबादी पर जीबीसी के 11 मामले आते हैं।
जीबीसी सबसे खतरनाक कैंसर में से एक है, अधिकतर मामले बहुत देरी से पता चलते हैं, उस स्थिति में सर्जरी नहीं की जा सकती है। डॉ. रथ के मुताबिक, डायग्नोसिस के एक साल के भीतर अधिकतर मरीजों की मौत हो जाती है।