हेल्थ डेस्क। आज भारत में हर 8 में से 1 महिला ब्रेस्ट कैंसर की चपेट में हैं। विशेषज्ञों का कहना हैं कि ब्रेस्ट कैंसर, कैंसर के सभी प्रकारों में सबसे आम है और भारत में इससे पीड़ित महिलाओं की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। कैंसर में ब्रेस्ट में असामन्य सेल्स अचानक से बढ़ने लगते हैं। इनके बढ़ने के कारण ब्रेस्ट में सेल्स में टूट-फूट होने लगती हैं, कुछ सेल्स गांठ का रूप ले लेती हैं। ये गांठ शुरुआत में अंदर रहती है जो सिर्फ छूने से महसूस होती है, लेकिन धीरे-धीरे बढ़कर हार्ड हो जाता है और बाहर की ओर दिखने लगता है।
विशेषज्ञ ने बताया बॉडी के किसी हिस्से में सेल्स की असामान्य और अनियंत्रित वृद्धि को कैंसर कहा जाता है। लगातार बढ़ते रहने से इस टिश्यू के टुकड़े ब्लड के रास्ते बॉडी के अन्य हिस्सों में पहुंचते हैं और नई जगह पर विस्तार करने लगते हैं। इसे मेटास्टेसिस कहा जाता है।
हालांकि ब्रेस्ट कैंसर में सेल्स के बढ़ने के पीछे दो कारण यानि खराब लाइफस्टाल और जेनेटिक जिम्मेदार हैं। लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि महिलाओं की रोजाना की जानें वाली ये 5 गलतियां भी उनको ब्रेस्ट कैंसर का शिकार बना सकती हैं। आइए इन गलतियों के बारे में जानें।
मोटापा है जिम्मेदार
महिलाओं का बढ़ता मोटापा ब्रेस्ट कैंसर का कारण बनता है। खासतौर पर मेनोपॉज के बाद महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ने लगता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बॉडी में ज्यादा हार्मोन्स फैट टिश्युओं से निकलते हैं। बहुत अधिक फैट जब बॉडी पर जमा होने लगता है तो एस्ट्रोजेन का लेवल कम होने लगता है इससे भी कैंसर का खतरा बढ़ता है।
ब्रेस्टफीडिंग से बचना
कुछ महिलाएं ब्रेस्टफीडिंग से बचती है। ऐसी महिलाओं में भी ब्रेस्ट कैंसर का जोखिम बढ़ने लगता है। ऐसा इसलिए क्योंकि ब्रेस्टफीडिंग कराने से हार्मोंस बैलेंस में रहते हैं, जबकि जो ब्रेस्टफिडिंग नहीं कराती उनके हार्मोंस में गड़बड़ हो जाते है और हार्मोंस में गड़बड़ी महिलाओं की हेल्थ के लिए अच्छी नहीं होती है।
अल्कोहल लेना
जो महिलाएं अल्कोहल का सेवन करती हैं उनमें अल्कोहल न लेने वाली महिलाओं की तुलना में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा ज्यादा होता है। एक रिसर्च के अनुसार जो महिलाएं एक दिन में दो या तीन पैग अल्कोहल के लेती हैं उनमें कैंसर का खतरा अन्य की तुलना में 20 प्रतिशत ज्यादा होता हैं। जी हां अल्कोहल बॉडी में एस्ट्रोजन के लेवल को कम करता है और यह कैंसर के खतरे को बढ़ाता है।