जीवनशैली। आज हम हम बात करेंगे महिलाओं की उन बुरी आदतों की जंजीरों के बारे में जिसमें उन्होंने खुद को बांधा हुआ है और उन्हें इससे आजाद होना चाहिए। इस 15 अगस्त हर महिला को अपनी इन आदतों से आजादी पाने के लिए खुद से दृढ़ संकल्प लेना चाहिए।
तनाव
इस स्वतंत्रता दिवस के मौके पर महिलाओं को आलस और तनाव की आदत से आजादी लेनी चाहिए। एक सर्वेक्षण के अनुसार भारत की सर्वाधिक महिलाएं तनाव में रहती हैं। घरेलू महिलाओं को घर के माहौल से तनाव होता है, वहीं कामकाजी महिलाओं को घर के साथ-साथ बाहरी कारणों से तनाव की शिकायत होती है। इसकी वजह से उन्हें कई बीमारियां भी हो जाती हैं।
मी टाइम
महिलाएं दफ्तर के काम से लेकर पति, बच्चे और परिवार को देखने के चक्कर में खुद के लिए समय ही नहीं निकाल पाती हैं। इस स्वतंत्रता दिवस पर आप खुद से ये वादा कीजिए कि अब से आप इन सभी कामों के साथ अपने लिए भी समय निकालेंगी।हो सके तो साल में एक बार कुछ दिनों के लिए अपनी जिम्मेदारियों से ब्रेक लेकर सोलो ट्रिप प्लान करें।
बासी खाना
महिलाएं घर के सभी सदस्यों का ध्यान रखती हैं। घर के सभी लोगों को समय पर खाना देने से लेकर स्कूल और दफ्तर के लिए समय पर भेजने तक वह सभी चीजों का ख्याल रखती हैं, लेकिन इन सबमें वह अपने पर बिल्कुल ध्यान नहीं देती हैं। महिलाएं घर में सबको गर्म गर्म खाना पसोसती हैं और खुद ठंडा खाती हैं। कई बार तो वह बासी खाना भी खा लेती हैं।
अपग्रेड न करना
महिलाएं खुद को घर के काम में इतना उलझाकर रखती हैं कि वो खुद को अपग्रेड ही नहीं कर पाती। ऐसे में महिलाओं को चाहिए कि वो आज कसम खाएं कि वो वक्त के साथ खुद को अपग्रेड रखेंगी।
सोशलाइज न करना
महिलाएं खुद को इतना थका लेती हैं कि वो पार्टी या फंक्शन में न जाने के लिए कई बहाने बनाने लगती हैं। लोगों से मिलना जुलना या फिर किसी समारोह में शामिल होना उन्हें थकान भरा लगने लगता है जिसकी वजह से वो हमेशा वहां न जाने के लिए बहाना ढूंढती रहती हैं। जिसकी वजह से अक्सर उनके परिवार में विवाद पैदा हो जाता है।