यूपी विधानसभा चुनाव 2022 : भाजपा ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण के चुनाव प्रचार हेतु अपने प्रचारकों की लिस्ट जारी की हैं जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत 30 लोगों को शामिल किया गया हैं.
यूपी विधानसभा चुनाव 2022 : गौर करने वाली बात यह हैं कि इस लिस्ट में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री एवं लखीमपुर खीरी से सांसद अजय कुमार मिश्रा टेनी, पीलीभीत लोकसभा सीट से सांसद वरुण गांधी एवं सुल्तानपुर क्षेत्र से सांसद उनकी माता मेनका गांधी कों स्टार प्रचारकों के लिस्ट से दूर रखा गया हैं.
बीते दिनों वरुण गांधी ने राज्य की योगी सरकार एवं केन्द्र की मोदी सरकार पर कई सवाल खड़े किए थे इसलिए एक वजह यह भी देखा जा रहा हैं इस लिस्ट में उनकी एवं उनकी मां का नाम नहीं शामिल करने के पीछे.
वहीं दूसरी ओर अगर हम बात करें अजय कुमार मिश्रा टेनी की तों पार्टी किसान आंदोलन से जुड़े मुद्दों पर किसी भी तरह का रिस्क लेने के विचार में नहीं दिख रही हैं आंदोलन भले ही खत्म हों चुकी हैं किसान अपने घरों कों भी लौट चुके हैं और सरकार ने चुनाव से ठीक पहले तीनों विवादित कृषि बिल वापस लेकर अपनें चुनावी दांव चल दिए हैं.
लेकिन किसान नेताओं की एक बड़ी मांग अभी भी लंबित हैं उनकी मांग है कि लखीमपुर खीरी में किसानों पर गाड़ी चढ़ाए जाने के मामले पर सख्त ऐक्शन लेते हुए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को उनके पद से हटाया जाए। इस कांड में मुख्य आरोपी के तौर पर टेनी के बेटे आशीष मिश्र का नाम आया था अब अगर भाजपा किसानों को खुश करने कें चक्कर में टेनी से उनके इस्तीफे की पेशकश करतीं हैं तों एक बङा “ब्राह्मण वोट बैंक” से उन्हें हाथ धोना पर सकता है हालांकि पार्टी इस समय ऐसे किसी सोच में नहीं दिख रही हैं.
बीते दिनों जब विकास दुबे एनकाउंटर हुआ तों योगी सरकार पर ‘ब्राह्मणों का शोषण’ करने के आरोप लगने लगे थे।उस वक्त उस रोष कों शांत करने हेतु केंद्रीय कैबिनेट के विस्तार में टेनी कों राज्य मंत्री का ओहदा दिया गया था उस समय इसे साफ तौर पर ब्राह्मणों की नाराजगी कम करने के एक प्रयास के तौर पर देखा गया था.
हालांकि विपक्ष एकता ने उस समय यह आरोप लगाया था राज्य सरकार ने राज्य में “ब्राह्मण तुष्टीकरण’ करना शुरू कर दिया हैं और एक बड़े वोटबैंक को हाथ से फिसलता देख बीजेपी ने भी अपना यह दांव चला हैं. फिर जोङ तोङकी राजनीति भी शुरू हुई एवं डेमेज कंट्रोल कें तहत पार्टी ने एक ओर जहां अजय मिश्र टेनी को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया तों वहीं दुसरी ओर इलाके के दूसरे बड़े ब्राह्मण नेता जितिन प्रसाद को कांग्रेस से बीजेपी में लाकर योगी सरकार में मंत्री बना दिया. सब सेट हों गया वोट बैंक विधिवत अपने जगह पर स्थापित रहें सरकार काफी हद तक अपने ऊपर लगे “ब्राह्मण विरोधी” के दाग़ को धोने में सफल भी रहीं.
लेकिन किसान आंदोलन के समय दिये पहले अजय मिश्र टेनी के भड़काऊ बयान फिर लखीमपुर-खीरी कांड ने सरकार कों फिर से परेशान कर कें रख दिया हैं.
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