नई दिल्ली। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में कांग्रेस पार्टी पर जमकर निशाना साधा गया हैं। शिवसेना ने लिखा है, ‘कांग्रेस वालों का शरीर हाथी का भले हो लेकिन उनका मन चूहे का है और पैर चींटी के हैं। राहुल गांधी ने एक साहसिक कदम उठाया। इसका सम्मान करने की बजाय कांग्रेसी उनके पैरों में गिरकर गिड़गिड़ा रहे हैं।
शिवसेना ने लिखा कि मोदी या राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के खिलाफ जोरदार लड़ाई तो छोड़िए थोड़ा-बहुत लड़ने का प्रयास कांग्रेस पार्टी की ओर से होता नहीं दिखा। इसका एक कारण कांग्रेसियों की पंगु मानसिकता है इसलिए लोगों ने कांग्रेस को पैरों तले रौंदा। कांग्रेस वाले गांधी परिवार की कृपा से अय्याश हो ही गए थे। लेकिन वे मुफ्तखोर भी हैं। देश की राजनीतिक परिस्थिति का उन्हें खयाल नहीं है।
सामना में आगे लिखा है, ‘कर्नाटक में भाजपा ने उनकी पार्टी को खोखला कर दिया है। वहां की जेडीएस-कांग्रेस आघाड़ी सरकार गिरने के कगार पर है। लेकिन उस पार्टी का एक भी वफादार अपनी पार्टी की प्रतिष्ठा को संवारने के लिए दौड़-भाग करता नहीं दिखता। सभी लोग छाती पीटते हुए राहुल गांधी के दरवाजे पर खड़े हैं।’
लेख में आगे लिखा है, ‘चार राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं। उसमें पार्टी की क्या भूमिका होगी? चुनाव कैसे से लड़ा जाएगा? क्या करना होगा? इस पर कोई चर्चा नहीं। लेकिन ‘राहुल गांधी, इस्तीफा वापस लो!’ इसके लिए हाय-तौबा मची है। राहुल गांधी ने इस्तीफा देकर कांग्रेस वालों का असली चेहरा सामने ला दिया है। कांग्रेस की गिरती साख के लिए नेहरू-गांधी परिवार जिम्मेदार नहीं बल्कि जिन्होंने सालों-साल कांग्रेस का नमक खाया है, ऐसे लोग जिम्मेदार हैं। जिस कांग्रेस को एक महीने के बाद भी अध्यक्ष चुनना नहीं आता, उस कांग्रेस का अब कार्यालय पर ताला लगाकर हमेशा के लिए घर बैठ जाना ही ठीक है।’