नई दिल्ली।। कर्नाटक में मौजूद कांग्रेस के 16 बागी MLA मंगलवार को मुखातिब हुए. इस दौरान MLAs ने मुख्यमंत्री कमलनाथ पर आरोप लगया और दावा किया कि वो अपनी मर्जी से यहां पर हैं, किसी के जोर दबाव में यहां पर नहीं आए हैं. बागी MLAs का मुख्यमंत्री आरोप लगया कि ये दलालों की सुन रहे हैं. जिससे नाराज होकर दे रहे इस्तीफा और साथ ही पार्टी को छोड़ने का ले रहे फैसला।
मध्य प्रदेश की सियासत में हलचल लगातार जारी है, आज यहां का मामला सुप्रीम कोर्ट में भी सुना जाना है. इस बीच पिछले कई दिनों से कर्नाटक के बेंगलुरु में रुके हुए कांग्रेस के बागी MLAs ने मंगलवार को बताया कि हम बागी MLAs का कहना है कि हमारे नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया हैं. जबकि, MLAs का कहना है कि अभी उन्होंने बीजेपी में जाने पर फैसला नहीं लिया है, वे इसपर विचार करने के बाद फैसला करेंगे. बागी MLAs ने कहा कि जब उन्होंने अपनी दिक्कतों को राहुल गांधी के सामने रखा तो उन्होंने भी माना कि हमारे साथ अन्याय हुआ है.
कांग्रेस के 16 MLA बगावत करके बेंगलुरु में हैं और इस्तीफा देने की बात कर रहे हैं. मंगलवार सुबह इन सभी MLAs ने कहा कि चुनाव अकेला छिंदवाड़ा के दम पर नहीं जीता जाता है, जयपुर में जो कांग्रेस के विधायक हैं उनकी भी अंतरात्मा काफी दुखी है. अगर उन्हें खुला छोड़ दें तो वो भी बेंगलुरु आ जाएंगे.
16 MLA में से एक MLA ने कहा कि मंत्रिमंडल बनाने को लेकर हमने तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की थी और उन्हें समझाया था कि किस तरह मंत्री बनाने में उनके साथ अन्याय हुआ है. तब राहुल गांधी ने माना था कि उनके साथ अन्याय हुआ है और न्याय दिलाने की बात की थी. अब अगर कांग्रेस अध्यक्ष ही मान रहे हैं कि अन्याय हुआ है, तो फिर मुख्यमंत्री क्यों नहीं मान रहे हैं.
MLA ने कहा कि हम लोग कल ही भोपाल जाने को तैयार हैं, लेकिन वहां पर सुरक्षा का खतरा है. क्योंकि अगर ज्योतिरादित्य सिंधिया पर हमला हो सकता है, तो हम कहां से सुरक्षित हैं? ऐसे में हमने केंद्र से सुरक्षा की मांग की है. बागी नेताओं ने कहा कि हम अपनी मर्जी से यहां पर आए हैं, मुख्यमंत्री ने हमारे साथ ठीक व्यवहार नहीं किया, इसलिए कांग्रेस का साथ छोड़ना पड़ा.
रिजॉर्ट में मौजूद विधायकों की ओर से कहा गया कि हम यहां पर बंधक नहीं हैं, अपनी मर्जी से हैं और खुलेआम घूम रहे हैं. मुख्यमंत्री कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बागी नेताओं ने कहा कि मध्य प्रदेश की जो सरकार बनी थी वो सभी ने मिलकर बनाई थी, जब वचन पत्र बना था तो ज्योतिरादित्य सिंधिया ने किसानों की बात उठाई थी. विधायक बोले कि आज मध्य प्रदेश में हमारी नहीं बल्कि दलालों की बात सुनी जा रही है.
जबकि, जब विधायकों से सवाल हुआ कि क्या वो भी ज्योतिरादित्य सिंधिया की तरह भारतीय जनता पार्टी में शामिल होंगे. तो उन्होंने कहा कि अभी इसपर फैसला नहीं किया गया है, वो विचार करेंगे. हमारे नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया हैं और उनकी वजह से ही हम राजनीति में हैं.