लखनऊ। योगी सरकार ने महंगाई के दौर में प्रदेश के निवासियों पर बिजली गिरा दी है। सरकार ने शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्र के साथ ही कॉमर्शियल बिजली की दरों में इजाफा कर दिया है।
उत्तर प्रदेश सरकार के वैट वापस लेने के बाद पेट्रोल-डीजल के दाम बढऩे के बाद अब बिजली की दरों में भी जबरदस्त इजाफा किया गया है। महंगाई की मार झेल रहे प्रदेशवासियों को अब बिजली के लिए ज्यादा बिल चुकाना होगा।
उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने बिजली की दरों में जहां औसतन 11।69% का इजाफा किया है वहीं शहरी घरेलू उपभोक्ताओं की बिजली 12% तक की महंगी की गई है। ग्रामीण उपभोक्ताओं (किसानों) की बिजली की दरें अबकी 15% तक बढ़ेंगी। व्यापारियों की बिजली की दर भी 10% से अधिक बढ़ाई गई है।
हालांकि, उद्यमियों की बिजली की दर में अधिकतम 10% का ही इजाफा किया गया है। कम बिजली खपत वाले लाइफ लाइन उपभोक्ताओं की दरें यथावत रखी गईं हैं। आयोग ने 4।28% रेग्यूलेटरी सरचार्ज खत्म कर बड़ी संख्या में उपभोक्ताओं को राहत भी दी है। नई बिजली की दरें सप्ताह भर बाद लागू हो जाएंगी।
चुपचाप टैरिफ आर्डर जारी
वैसे तो विद्युत नियामक आयोग बिजली की दरें घोषित करने के लिए बाकायदा प्रेस कांफ्रेंस बुलाता है लेकिन वित्तीय वर्ष 2019-20 की दरों के लिए आयोग ने चुपचाप टैरिफ आर्डर जारी कर दिया। आयोग द्वारा जारी आर्डर के मुताबिक बिजली की मौजूदा दरों में औसतन 11।69% का इजाफा किया गया है जबकि पावर कारपोरेशन द्वारा दाखिल टैरिफ प्रस्ताव में औसतन 14% बढ़ोतरी प्रस्तावित की गई थी। अब कारपोरेशन प्रबंधन को तीन दिन में स्वीकृत दरों को अखबारों में प्रकाशित कराना होगा। प्रकाशन से एक सप्ताह बाद नई दरें लागू हो जाएंगी।
-घरेलू श्रेणी की बिजली 12% बढ़ी।
-किसानों के लिए बिजली 9% महंगी।
-शहरी क्षेत्र के किसानों के लिए 15% महंगी।
-औद्योगिक श्रेणी बिजली की कीमत 10% बढ़ी।
-कुल टैरिफ में 11।69% की वृद्धि।