Pitrupaksha 2019: पितृपक्ष आज से शुरु, पूर्वजों की शांति के लिए करें श्राद्ध और पिंड दान !

धर्म डेस्क। आज 13 सितंबर को Vrat Purnima है और आज से ही Pitrupaksha 2019 की शुरुआत भी हो गई है। Pitrupaksha 15 दिनों तक रहता है और इस दौरान कोई भी मांगलिक कार्य करना शुभ नहीं माना जाता है। इस दिन लोग अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए उनका श्राद्ध करते हैं और कुछ गयाजी में पिंड दान भी करते हैं।

मान्यता है कि गया जी में पिंड दान करने से पूर्वजों की आत्मा को मुक्ति मिलती है। यही वजह है कि इसके बाद लोग हर साल श्राद्ध कर्म नहीं करते है। आइए जानते हैं व्रत पूर्णिमा और Pitrupaksha से जुड़ी बातें।।।

क्या है Pitrupaksha

हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, Pitrupaksha के दौरान हमारे पितर (पूर्वज) 15 दिन के लिए पृथ्वी पर श्राद्ध ग्रहण करने आते है। ऐसे में अगर आप श्राद्ध नहीं करते हैं तो उनकी आत्मा को काफी दुख पहुंचता है। लोग इस दिन उनका श्राद्ध करते हुए तरह तरह के पकवान बना कर कई तरह के जीवों को खिलाते हैं।

ऐसी मान्यता है कि पूर्वज इन जीवों के रूप में ही पृथ्वी पर श्राद्ध और तर्पण ग्रहण करने आते हैं। यही वजह है कि पूरे Pitrupaksha खत्म लोगों तक लोग अपने पूर्वजों के नाम से जल अर्पित करते हैं और जिस दिन उनकी मृत्यु हुई थी उसपर श्राद्ध कर्म करते हैं।

Pitrupaksha में पूर्वजों का श्राद्ध करवाने के बाद ब्राह्मण भोजन का आयोजन करने की परंपरा है। वेबसाइट लाइव हिंदुस्तान पर प्रकाशित खबर के हवाले से, इस बार 14 सितम्बर को प्रतिपदा, 15 सितम्बर को द्वितीया का श्राद्ध और 28 सितम्बर को सर्व पितृ अमावस्या किया जाएगा। 16 सितम्बर को दोपहर की तिथि न मिल पाने के कारण श्राद्ध कर्म नहीं किया जा सकेगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.