लखनऊ. उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन में बिजली इंजीनियरों और कर्मचारियों के भविष्य निधि घोटाले की जांच तेज कर दी गई है। वहीं इस घोटाले के विरोध में बिजली विभाग के इंजीनियर और कर्मचारी दफ्तर से बाहर निकल कर प्रदर्शन शुरु कर दिया है। लखनऊ स्थित शक्ति भवन पर सैकड़ों की तादाद में बिजली कर्मचारी और इंजीनियर प्रदर्शन कर रहे हैं। बिजली दफ्तरों में सन्नाटा पसरा है।
विरोध प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों की मांग भविष्य निधि के भुगतान की गारंटी लिए जाने और पावर कारपोरेशन चेयरमैन आलोक कुमार को पद से हटाकर गिरफ्तार किए जाने की है।
मंगलवार को यहां हुई सभा में संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने CBI से घोटाले की जांच कराने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति आभार जताया। साथ ही निष्पक्ष जांच के लिए पावर कारपोरेशन चेयरमैन सहित अन्य जिम्मेदार अधिकारियों को हटाकर तत्काल गिरफ्तार किए जाने की जरूरत बताई। समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे सहित अन्य पदाधिकारियों ने चेयरमैन के पद पर रहते हुए साक्ष्यों से छेड़छाड़ और जांच प्रभावित होने की आशंका जताई।
समिति पदाधिकारियों ने कहा कि DHFL में निवेश करना ही गलत था, जबकि एफडी में रकम लगाना तो और भी असुरक्षित था, जिसके लिए चेयरमैन पर कार्रवाई किया जाना जरूरी है। अनपरा, ओबरा, पारीछा, हरदुआगंज, पिपरी, वाराणसी, गोरखपुर, प्रयागराज, बरेली, अयोध्या, मुरादाबाद, सहारनपुर, मेरठ, गाजियाबाद, कानपुर, झांसी, बांदा, अलीगढ़ व आगरा में भी बिजलीकर्मियों ने नारेबाजी व प्रदर्शन कर सरकार से ट्रस्ट द्वारा निवेश की गई रकम की जिम्मेदारी लेने की मांग की।
सूत्रों के मुताबिक कर्मचारियों के रुख को देखते हुए ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कारपोरेशन के उच्च प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि प्रबंध निदेशक को हटाए जाने के बाद अध्यक्ष व अन्य के खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है।
घोटालेबाजों की संपत्ति होगी कुर्क
ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा का कहना है कि ऊर्जा विभाग के कार्मिक मेरे परिवार का हिस्सा हैं। उनका पैसा पूरी तरह सुरक्षित है। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू हो गई है। घोटालेबाजों की संपत्ति कुर्क होगी।