नरेंद्र इंगले । नवप्रवाह न्यूज नेटवर्क
बिजली कंपनी को कोल ट्रेड समेत अन्य चीजों के लिए पैसा देना पड़ता है. इसलिए तालाबंदी के दौरान आंके गए बिजली बिलों में किसी भी प्रकार की कोई छूट नहीं दी जा सकती. यह बयान है महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री डॉ. नितीन राउत का.
मंत्री कहते है कि बिजली बिलों की वसूली के बीच किसी भी उपभोक्ता पर कोई अप्रिय कार्रवाई नहीं की जाएगी. इन्हीं मंत्री जी ने आज से दो महीने पहले कहा था कि, अतिरिक्त बिजली बिलों को कम किया जाएगा और आज कह रहे हैं कि कोई छूट नहीं दी जा सकती. मंत्री का बयान पूरी तरह से भ्रम को बढ़ावा देने वाला इसलिए है कि, वे उपभोक्ताओं पर किसी भी अप्रिय कार्रवाई के पक्ष में नहीं हैं और छूट के भी.
राज्य की उद्धव ठाकरे सरकार में ऊर्जा मंत्रालय कांग्रेस के पास है. सरकार गठन के बाद प्रति यूनिट बिजली का दर 22 फीसदी इतना बढ़ाया गया. तालाबंदी मे बिजली उपयोग आंकलन व्यवस्था चरमराई और उपभोक्ताओ को दुगने तिगने बिल थमा दिए गए. ऊर्जा मंत्री के पलटू टाइप बयान के कारण आम जनता मे उद्धव ठाकरे सरकार के प्रति काफी असंतोष दिखाई पड़ने लगा है. अगले महीने विधानसभा का शीतसत्र आरंभ होने जा रहा है. राउत के बयान ने विपक्ष को सरकार को घेरने का बड़ा मौका प्रदान किया है.
नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने सरकार से कहा है कि, वह बिजली कंपनी को 5 हजार करोड़ रुपये की मदद घोषित करे. अच्छा होता कि फडणवीस केंद्र सरकार के पास राज्य के बकाया 38 हजार करोड़ रुपये के बारे मे भी कुछ कह देते.
मनमाने बिजली बिलों को लेकर नवप्रवाह ने जनता की आवाज बुलंद करने और प्रशासन की कोताही को लेकर लगातार खबरे चलाई है. प्रस्तावित न्यायिक छूट की प्रतीक्षा मे मार्च से अब तक लाखो ग्राहको ने बिजली के बिलो का भुगतान नही किया है जिसके कारण सरकारी खजाने मे जमा होने वाला करोड़ो रुपया रुक गया है. समय पर इस मसले पर फैसला लिया जाता, तो कितना बेहतर होता. अब जनभावना के दबाव में बिलों में छूट मिलती भी है, तो आम लोगो को 9 महीने का लंबित बिल एक साथ भरना आसान नही होगा.