अभिषेक झा | navpravah.com
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को लगातार तीसरे दिन मीडिया से बातचीत की। उन्होंने आज आर्थिक पैकेज में किसानों और ग्रामीण भारत के लिए दी गई राहतों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि कृषि के आधारभूत ढांचे के लिए एक लाख करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया है।
प्रेस कॉन्फ्रेस के पहले चरण में वित्त मंत्री ने बुधवार को लघु और मध्यम दर्जे के उद्योग और रियल एस्टेट सहित कुछ अन्य सेक्टर को दी जाने वाली राहतों के बारे में बातचीत की थी, जबकि गुरुवार को उन्होंने किसानों और प्रवासी मजदूरों को दी जाने वाली सुविधाओं-सहूलियतों के बारे में बताया था।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अलावा वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने भी मीडिया से बात की। उन्होंने कहा कि पीएम किसान योजना के तहत किसानों को 18,700 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए गए हैं। न्यूनतम समर्थन मूल्य देने के लिए व्यवस्था की गई। किसानों को 6400 करोड़ रुपये के क्लेम दिए गए। पांच हजार करोड़ की एडिशनल लिक्विडिटी की मदद किसानों को दी गई। इससे दो करोड़ किसानों को लाभ हुआ है।
जानिए, आज क्या कहा वित्त मंत्री ने-
• देश में छोटे और मंझोले किसानों के पास 85 फीसदी खेती है। हम कृषि क्षेत्र के लिए 11 कदम उठाएंगे।
• लॉकडाउन में न्यूनतम समर्थन मूल्य देने के लिए 74300 करोड़ रुपये के कृषि उत्पाद खरीदे गए।
• पीएम किसान फंड के तहत 18700 करोड़ रुपये किसानों को दिए गए।
• 2 महीनों में 6400 करोड़ रुपये के फसल बीमा क्लेम किसानों को भुगतान किया गया।
• लॉकडाउन के दौरान दूध की मांग 20-25 फीसद घटी। 560 लाख लीटर की रोजाना खरीद की गई। नई स्कीम के तहत डेयरी कोऑपरेटिव्स को वर्ष 2020-2021 के लिए ब्याज में 2 फीसदी प्रति वर्ष की छूट दी गई।
• 1 लाख करोड़ रुपये के एग्री इंफ्रास्ट्रक्चर फंड का ऐलान। इससे कृषि ढांचे को मजबूती मिलेगी। इससे किसानों को उत्पादन से लेकर इन्य कामों में मदद मिलेगी।
• सूक्ष्म खाद्य उपक्रमों (Micro Food Enterprises) के लिए 10 हजार करोड़ रुपये के फंड का ऐलान. इसमें स्थानीय खाद्य उत्पादों को ध्यान में रखा जाएगा।
• पीएम मत्स्य संपदा योजना के तहत 20 हजार करोड़ रुपये आवंटित। इसमें से 9 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए होगा। मत्स्य क्षेत्र में इस योजना के माध्यम से 55 लाख रोजगार उत्पन्न होने की उम्मीद है। इसमें 1 लाख करोड़ रुपये के निर्यात का लक्ष्य है।
• अगले पांच साल में 70 लाख टन मत्स्य क्षेत्र में उत्पादन का लक्ष्य. मछुआरों और नावों का बीमा कराया जाएगा.
• 53 करोड़ मवेशियों (गाय, भैंस, बकरी, सूअर आदि) के 100 फीसदी टीकाकरण का लक्ष्य है. इसमें 13,343 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.
• पशुपालन के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए 15000 करोड़ रुपये का फंड आवंटित किया गया है. इसका लाभ किसानों को भी मिलेगा.
• देश-दुनिया में बढ़ रही हर्बल और औषधीय गुण वाले पौधों की मांग को देखते हुए हर्बल खेती के लिए 4000 करोड़ रुपये का प्रावधान. अगले दो साल में 10 लाख हेक्टेयर एरिया को कवर करने की योजना.
• मधुमक्खी पालन सेक्टर के बुनियादी ढांचा क्षेत्र को सशक्त करने के लिए 500 करोड़ रुपये की स्कीम लाई जा रही है. इससे 2 लाख मधुमक्खी पालकों को फायदा होगा, उनकी इनकम बढ़ेगी.
• ऑपरेशन ग्रीन्स को टमाटर, आलू और प्याज से बढ़ाकर सभी फलों और सब्जियों तक किया जा रहा है. इसमें 500 करोड़ रुपये का प्रावधान.
• किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृषि क्षेत्र में निवेश के लिए सरकार 1955 के इसेंशियल कमोडिटीज़ ऐक्ट में संशोधन करेगी।