बिजनेस डेस्क. दूरसंचार कंपनी BSNL और MTNL को बंद करने को लेकर चल रहे तमाम कयासों पर बुधवार को ब्रेक लग गया।
कैबिनेट मंत्री रविशंकर प्रसाद ने साफ कर दिया है कि BSNL, MTNL को न तो बंद किया जाएगा, न ही इसे किसी थर्ड पार्टी के हवाले किया जाएगा। कैबिनेट मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ना ही इनमें हिस्सेदारी घटाई जाएगी। सरकार ने बुधवार को दोनों दूरसंचार कंपनियों के सैद्धांतिक विलय की मंजूरी दे दी।
केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बुधवार को कहा कि BSNL और MTNL के कर्मचारियों के लिए सरकार वीआरएस पैकेज लाएगी। उन्होंने कहा कि दोनों कंपनियों के मर्जर में कुछ समय लगेगा। तब तक MTNL BSNL की सब्सिडियरी के रूप में काम करेगी।
प्रसाद ने कहा कि कि अगले चार साल में BSNL और MTNL की 38,000 करोड़ रुपये की संपत्ति का मौद्रिकरण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि BSNL और MTNL का ऑपरेशन सुनिश्चित करने के लिए सॉवरेन बॉन्ड के जरिए 15,000 करोड़ रुपये जुटाए जाएंगे। BSNL में अभी 1.76 लाख कर्मचारी हैं और वित्त वर्ष 2018-19 में कंपनी का शुद्ध घाटा 13,804 करोड़ रुपये का रहा था।