महाकाल एक्सप्रेस को मिली हरी झंडी, ट्रेन में एक सीट हमेशा भगवान शिव के लिए रिजर्व

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काशी महाकाल एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखा चुके हैं. महाकाल एक्सप्रेस यात्रियों को आध्यात्मिक अहसास भी कराएगी. महाकाल एक्सप्रेस की बोगी नंबर बी-5 में सीट नंबर 64 भगवान शिव के लिए आरक्षित रहेगी. इस ट्रेन की एक सीट छोटे मंदिर के तौर पर तब्दील कर दी गई है. रविवार को चंदौली के पड़ाव से रिमोट के जरिए प्रधानमंत्री मोदी ने इस ट्रेन को रवाना किया था.यह ट्रेन सप्ताह में दो दिन मंगलवार और गुरुवार को वाराणसी से चलेगी. यह लखनऊ, कानपुर, बीना, भोपाल, उज्जैन होते हुए इंदौर तक पहुंचेगी. इंदौर से बुधवार और शुक्रवार को उज्जैन, संत हिरदाराम नगर, बीना, कानपुर और लखनऊ होकर वाराणसी जाएगी. इस ट्रेन में एक सीट हमेशा भगवान शिव के लिए रिजर्व रहेगी.

ट्रेन में यात्रियों के मनोरंजन के लिए होगा भजन-कीर्तनट्रेन में होगा. महाकाल एक्सप्रेस में धार्मिक यात्रियों का खास ख्याल रखा गया है. इसमें चलने वाले यात्रियों के मनोरंजन और अध्यात्मिक अहसास के लिए भजन-कीर्तन का आयोजन भी किया जा रहा है. शुरुआती दिन में एक मंडली जाएगी, जो भजन-कीर्तन गाएगी. इसके बाद 20 फरवरी को भी एक मंडली का आयोजन होगा. इसके बाद लगातार कैसेट के जरिए अनांउसमेंट के जारिए लोग भजन-कीर्तन सुन सकेंगे.

वाराणसी से इंदौर के बीच 20 फरवरी से चलाई जाने वाली काशी-महाकाल एक्सप्रेस में आठ अलग-अलग तीर्थस्थलों के लिए पैकेज भी होगा. वाराणसी, अयोध्या, प्रयागराज, इंदौर, उज्जैन, भोपाल के धार्मिक व पर्यटन स्थलों के लिए आईआरसीटीसी ने एक पैकेज भी तैयार किया है.

काशी दर्शन एक का पैकेज 6010 रुपये का होगा, जिसमें वाराणसी के घाट, काशी विश्वनाथ मंदिर, संकट मोचन मंदिर, दशाश्वमेघ घाट पर गंगा आरती शामिल है. काशी दर्शन दो का पैकेज 8110 रुपये का होगा, जिसमें सारनाथ के दर्शन को भी जोड़ा जाएगा. काशी-प्रयाग दर्शन 10 हजार 50 रुपये का होगा, जिसमें काशी दो के स्थानों के साथ प्रयाग का संगम तट भी रहेगा.

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