जीएसपी दर्जा छीनने के बाद हिंदुस्तान के इंजीनियरिंग निर्यात पर पड़ेगा बुरा प्रभाव

नई दिल्ली ।। अमेरिका (uS) में हिंदुस्तान को GSP के तहत मिलने वाली छूट समाप्त करने से इंजीनियरिंग क्षेत्र पर सबसे अधिक असर पड़ेगा। एक विशेषज्ञ ने यह आशंका व्यक्त की है। सामान्य तरजीही कार्यक्रम (GSP ) के अंतर्गत अमेरिका (uS) में हिंदुस्तान के 5.6 अरब डॉलर के सामानों को शुल्क में छूट मिलती है।

इन सामानों में इंजीनियरिंग उत्पादों की करीब 44 फीसदी हिस्सेदारी रही है। वित्त वर्ष 2018-19 में अमेरिका (uS) ने विश्व भर से कुल 331 अरब डॉलर का इंजीनियरिंग आयात किया था।

इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष राकेश शाह ने कहा कि जीएसपी के तहत अमेरिका (uS) में हिंदुस्तान के 5.6 अरब डॉलर के सामानों को शुल्क में छूट मिली, इनमें इंजीनियरिंग उत्पादों की हिस्सेदारी 2.5 अरब डॉलर की रही।

उन्होंने बताया कि GSP का लाभ बंद होने से महंगे इंजीनियरिंग निर्यात पर 2 से 3 फीसदी का असर पड़ेगा, लेकिन यदि अगले 2 से 4 महीने में इस मामले को नहीं सुलझाया गया तो कम मूल्य वाले उत्पादों के लिए टिके रह पाना कठिन होगा। कुल इंजीनियरिंग निर्यात में कम मूल्य वाले उत्पादों की 40 फीसदी हिस्सेदारी है।

शाह ने कहा कि निर्यात उद्योग को नए वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से इस बात की उम्मीद है कि ऐसे समय में जब अमेरिका (uS) और चीन के बीच बढ़ते व्यापारिक तनाव के मद्देनजर घरेलू निर्यातक अपना निर्यात बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं, गोयल व्यापार की दिक्कत का उचित हल निकालेंगे।

अमित शाह ने कहा कि अगर मामले को अगले 2 से 4 महीनों में सुलझा लिया गया तो इससे कोई खास समस्या नहीं आने वाली है क्योंकि पहले से मिल चुके ऑर्डर को इस दौरान निर्यात इकाइयां पूरा कर रही होंगी।

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