एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग विधेयक में कुछ बदलाव करने के संकेत लोगों को दिए हैं। यह विधेयक अभी संसद की स्थायी समिति में विचाराधीन है, लेकिन सूत्रों ने कुछ अहम प्रावधानों पर पुनर्विचार के संकेत दिए हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार जिन तीन अहम प्रावधानों पर सरकार नरम रुख अपना सकती है, उनमें एक एमबीबीएस कोर्स करने के बाद एग्जिट टेस्ट के प्रावधान को हटाने का है। दूसरा बदलाव आयुष के डॉक्टरों को ब्रिज कोर्स कराकर एलोपैथी में सीमित उपचार की इजाजत देने से जुड़ा है, सरकार का मानना है कि यदि आम राय नहीं बने तो इस प्रावधान को भी हटाने पर उसे कोई आपत्ति नहीं है।
तीसरा प्रावधान एमबीबीएस की सीटों पर फीस के नियंत्रण से संबंधित है। विधेयक में सरकार ने यह कहा कि 40 फीसदी तक सीटों की फीस नियंत्रित की जाएगी, बाकी 60 फीसदी सीटें कालेजों को सौंप दी जाएंगी। सूत्रों के अनुसार, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के ढांचे में किसी प्रकार का बदलाव नहीं किया जाएगा, आयोग का चेयरमैन कम से कम बीस साल का अनुभवी चिकित्साविद् होगा, उसमें चुने हुए सदस्य पांच होंगे।