नवप्रवाह न्यूज नेटवर्क
ड्राइवर के हाथों सुसाइड नोट भेजकर करीबन माहभर पहले गुमशुदा हुए पुणे के नामी गिरामी उद्योगपति गौतम पाषाणकर को ढूंढ निकालने में पुलिस की क्राइम ब्रांच को सफलता मिल गई है. मंगलवार को पुलिस टीम ने 64 वर्षीय पाषाणकर को जयपुर के एक होटल से हिरासत में लिया. पुलिस उन्हें लेकर पुणे पहुंची. बीती शाम पुलिस आयुक्तालय में एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने बताया कि, आर्थिक संकट के चलते वे मानसिक तनाव में घिर गए और उसी के कारण उन्होंने खुदकुशी करने का मन बना लिया था. मगर बाद में परिवार का ख्याल आने पर विचार बदल दिया.
पुणे के उद्योग क्षेत्र के जाने माने उद्योगपति गौतम पाषाणकर 21 अक्टूबर को अचानक से गायब हो जाने से खलबली मच गई थी. आखिरी बार उन्होंने अपने ड्राइवर को एक लिफाफा देकर कुछ देर बाद आने को कहा था. कारोबारी के गायब होने के 24 घंटे बाद शिवाजी नगर पुलिस थाने में उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई. इसके बाद से उनका कहीं कुछ भी पता नहीं चल सका. यहां पाषाणकर परिवार ने भी गौतम को तलाशने के लिए शहर में पोस्टर भी लगवाए हैं. पुलिस कारोबारी की तलाश में पूरे शहर के सीसीटीवी खंगाल रही हैं.
सीसीटीवी फुटेज से पाषाणकर के पुणे के अलग- अलग हिस्सों के अलावा वे कोल्हापुर में भी नजर आये थे. इससे पहले कि पुलिस के वहां पहुंचती पाषाणकर वहां से पुनः गायब हो गए थे. उनकी तलाश में पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीमें अलग-अलग दिशा में रवाना की गई. तकनीकी विश्लेषण के आधार पर की गई जांच में उनके जयपुर के एक होटल में रहने की जानकारी मिली. करीबन 34 दिनों की खोजबीन के बाद क्राइम ब्रांच यूनिट 1 की टीम ने उद्योगपति पाषाणकर को जयपुर जाकर होटल से हिरासत में लिया.
बुधवार को उन्हें पुणे लाया गया, इसके बाद एक संवाददाता सम्मेलन में पाषाणकर ने बताया कि वे भारी मानसिक तनाव से गुजर रहे थे, इसकी वजह से उन्होंने खुदकुशी करने का मन बनाया. ड्राइवर के हाथों सुसाइड नोट भेजकर वे चले गए. हालांकि परिवार का खयाल आने से उन्होंने मन बदल दिया मगर वे पुणे नहीं लौटना चाहते थे.
पाषाणकर ने अपनी गुमशुदगी के दौरान के सफर के बारे में बताया कि, गत कुछ माह से कारोबार के हालात बिगड़ गए थे तमाम कोशिशों के बाद भी कोई सुधार नहीं हो रहा था. जो कभी सामने ठहरने की हिम्मत न करते थे ऐसे देनदारों से काफी खरी खोटी सुनने की नौबत आई. इन सबके चलते घर छोड़ने और खुदकुशी करने का निश्चय किया. जेब में 80 हजार रुपए की नकदी थी. ड्राइवर को सुसाइड नोट बन्द लिफाफे में सौंपकर ऑटो रिक्शा से स्वारगेट आने के बाद वे बस से सीधे कोल्हापुर गए. वहां से कोयंबटूर, बेंगलुरु, तिरुपति बालाजी, कन्याकुमारी, जैसलमेर की यात्रा करते हुए जयपुर पहुंचे. बुधवार को जयपुर छोडने से पहले ही पुलिस पहुंच गई और मुझे पुणे ले आयी.
पुलिस उपायुक्त बच्चनसिंह ने बताया कि, गौतम पाषाणकर को खोजने के लिए छह पुलिस टीमें गठित की गई थी. उनके पुत्र ने एक राजनेता द्वारा उसके पिता को अगवा किये जाने का शक जताया था. इसके बाद इस घटना को अलग मोड़ मिल गया था. मगर छानबीन में यह स्पष्ट हुआ कि पाषाणकर का अपहरण नहीं हुआ है और वे सुरक्षित हैं. जांच के दौरान पाषाणकर कोल्हापुर के एक होटल के सीसीटीवी फुटेज में नजर आए थे. मगर पुलिस के वहां पहुंचने से पहले ही वे होटल से निकल गए थे. उनके पास न तो मोबाइल फोन था न उन्होंने गुमशुदगी के दिनों में डेबिट या क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल किया. इसकी वजह से उन्हें खोजने में दिक्कतें आती रही. हालांकि बाद में तकनीकी विश्लेषण में उनके जयपुर के एक होटल में रहने की जानकारी सामने आयी और पुलिस की एक टीम वहां भेजकर उन्हें पुणे ले आयी.