कोरोना से जीतनेवाले मरीजों की कमजोर हो रही याददाश्त!!!

न्यूज़ डेस्क | नवप्रवाह न्यूज़ नेटवर्क
कोरोना इस समय पूरी दुनिया के लिए मुसीबत का सबब बना हुआ है. हालांकि तसल्ली की बात यह है कि, इस बीमारी से मरनेवालों की तुलना में ठीक होनेवालों का आंकड़ा कई गुना ज्यादा बड़ा है. लेकिन अब एक ऐसी खबर आ रही है, जिसने सभी को चौका दिया है. खबर है कि कोरोना का इलाज कर ठीक होनेवालों की याददाश्त प्रभावित हो रही है. हालांकि डॉक्टर्स इसे शॉर्ट टाइम बता रहे हैं, लेकिन देखा जाए, तो यह एक गंभीर बात है.
कोरोना से ठीक होने के बाद लोगों को कई प्रकार की समस्याएं हो रही हैं. इनमें कुछ मरीज ऐसे भी हैं जिन्हें अब भूलने की बीमारी हो रही है. डॉक्टरों का कहना है कि इसे पोस्ट कोविड सिम्पटम कहा जाता है. जिस मरीज में कोविड का संक्रमण जितना अधिक होता है, उतने ज्यादा लक्षण उसमें ठीक होने के बाद देखने को मिलते हैं.राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के डॉक्टर अजीत जैन बताते हैं कि कोरोना से ठीक होने के बाद लोगों को कई प्रकार की परेशानियां होती हैं.
पोस्ट कोविड क्लीनिक में इलाज कराने आए 250 लोगों मे से 80 लोगों में न्यूरो समस्याएं देखने को मिली हैं. इनमें करीब 20 फ़ीसदी लोग ऐसे हैं जिन्हें भूलने की समस्या हो गई है. उन्होंने बताया कि कई बार ऐसा होता है कि लोगों की नसों में लकवा हो जाता है, कभी-कभी ये दिमाग़ पर भी असर करता है, जिससे याददाश्त प्रभावित होती है. जिन मरीजों में संक्रमित होने के दौरान दिमाग़ में सूजन की गंभीर समस्या थी. उनमें ज्यादा लक्षण देखने को मिल रहे हैं. ठीक होने वाले 70 फ़ीसदी लोगों में कमजोरी और चक्कर आना सबसे सामान्य परेशानी है.
डॉक्टरों के मुताबिक़, ऐसा होना कोई नई बात नहीं है. ऐसा दूसरे वायरस के मामलों में भी होता है. अपोलो अस्पताल के डॉक्टर यश गुलाटी बताते हैं कि वायरस से लड़ने के लिए शरीर में बने एंटीजन रोग प्रतिरोधक तंत्र में इस तरह के बदलाव कर देते हैं, जिससे इम्यून सिस्टम अति प्रतिक्रिया करने लगता है. इसी कारण बुख़ार, बदन दर्द और अन्य समस्याएं होने लगती हैं. जैसे चिकनगुनिया में 8 से 10 दिन बुख़ार रहने के बाद ठीक हो जाता है लेकिन, उसके कई मरीजों को जोड़ों में दर्द और शरीर में दर्द कई महीनों तक रहता है. कई मरीजों को गठिया की बीमारी भी हो जाती है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.