न्यूज़ डेस्क | नवप्रवाह न्यूज़ नेटवर्क
जैसे की कयास लगाए जा रहे थे, कि डीजीपी पद से स्वेच्छा निवृत्ति लेने के बाद गुप्तेश्वर पांडेय राजनीति की राह पर चलेंगे, ठीक वैसा ही हुआ. रविवार को गुप्तेश्वर पांडेय पूरे विधिविधान से जदयू में शामिल हो गए. उन्हें जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने सदस्यता दिलाई. बाद में जदयू संसदीय दल के नेता राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह तथा प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष डॉ.अशोक चौधरी ने स्वागत किया. इस मौके पर गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि अब मैं डीजीपी नहीं, पार्टी का एक सिपाही हूं. अब पार्टी पर निर्भर है कि वह किस तरह की सेवा लेगी, क्या जिम्मा देगी? चुनाव लड़ने के सवाल पर बोले-’यह मेरा फैसला नहीं होगा. पार्टी तय करेगी.’ हालांकि शाहपुर (बक्सर) से चुनाव लड़ने की चर्चा है.
ललन सिंह ने बांधे पांडेय की तरीफ के पुल
ललन सिंह ने कहा कि इनके सेवा काल की सबसे बड़ी खासियत रही जहां सांप्रदायिक तनाव जैसी बातें हुईं, इन्होंने वहां सौहार्द्र कायम किया. ये टैक्ट फुल व सक्षम अधिकारी रहे. इनके जैसों की पार्टी को जरूरत है. गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा मैं जदयू का अनुशासित सिपाही हूं. आगे पार्टी का जैसा आदेश होगा, मैं करूंगा. उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की खासी तारीफ की.
चुनाव लड़ने की बात टाल गए
पूर्व डीजीपी के चुनाव लड़ने के सवाल पर ललन सिंह ने मुस्कुराते हुए हस्तक्षेप किया-’चुनाव लड़ने के लिए तो बायोडाटा लिया जाता है न! अभी हमलोग इनसे बायोडाटा कहां लिए हैं? … चुनाव का अभी सवाल नहीं है.’ एक मीडियाकर्मी ने सवालिया लहजे में कहा-’पांडेय जी को बायोडाटा देने की जरूरत है?’
प्रदेश जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष बने अशोक चौधरी
भवन निर्माण मंत्री डॉ.अशोक चौधरी को प्रदेश जदयू का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया. प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह का स्वास्थ्य ऐसा नहीं है कि वे चुनावी दौर में बहुत सक्रिय होंगे. उनकी तरफ से रविवार को संदेश जारी हुआ-’राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार की सहमति से डॉ.अशोक चौधरी मेरी अनुपस्थिति में बतौर कार्यकारी अध्यक्ष पार्टी का कामकाज संभालेंगे.’ डॉ.चौधरी ने कहा उनको बहुत बड़ी जिम्मेदारी मिली है. निभाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. उन्होंने नीतीश कुमार, आरसीपी सिंह, वशिष्ठ नारायण सिंह का आभार व्यक्त किया. डॉ.चौधरी, बरबीघा से दो बार विधायक रहे. राजद-कांग्रेस के शासन में प्रदेश के गृह राज्य मंत्री भी रहे.