एनपी न्यूज़ डेस्क । Navpravah.com
साल 2018 में रेलवे द्वारा निकाली गई 90,000 भर्तियों को लेकर रेल मंत्री पीयूष गोयल ने एक बड़ी घोषणा की है। हाल ही में रेल मंत्री ने रेलवे भर्ती परीक्षा के लिए एग्जामिनेशन फीस बढ़ा दी है। इस घोषणा के बाद छात्रों में असंतुष्टि देखी गई, जिसके बाद रेल मंत्री ने छात्रों को राहत देते हुए परीक्षा देने वाले उम्मीदवार की बढ़ी हुई फीस उसे दोबारा वापस दिए जाने की बात स्पष्ट की है।
आपको बता दें कि इस बार जो 90,000 भर्तियां निकाली गई हैं, उसमें आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 250 रुपये और अनारक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 500 रुपये एग्जामिनेशन फीस रखी गई है, जबकि इससे पहले होने वाली भर्ती में अनारक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 100 रुपये और आरक्षित वर्ग के उम्मीदवार को परीक्षा फीस नहीं देनी थी।
बता दें कि रेल मंत्री पियूष गोयल के इस फैसले के पीछे गंभीर आवेदक को निमंत्रण देना है। बहुत बार कम शुल्क की वजह से लोग आवेदन कर देते हैं, लेकिन परीक्षा नहीं देते। ऐसे में सरकार को नुकसान होता है। भर्ती परीक्षा आयोजित करने में सरकार का काफी पैसा खर्च होता है।
ऐसे में अगर उम्मीदवार परीक्षा देता है, तो ही उसकी बढ़ी हुई फीस लौटाई जाएगी। आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों को उनकी पूरी फीस यानी 250 रुपये वापस कर दी जाएगी, जबकि अनारक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों को 500 रुपये के शुल्क में से 400 रुपये वापस कर दिए जाएंगे।
उम्मीदवार किसी भी भाषा में सिग्नेचर कर सकते हैं।
रेल मंत्रालय के प्रवक्ता ने परीक्षा पर अधिक जानकारी देते हुए बताया कि ग्रुप सी के सहायक लोको पॉयलेट व तकनीशियन पद के लिए सामान्य कोटे की अधिकतम आयु सीमा 28 से बढ़कार 30 साल, ओबीसी 31 से बढ़ाकर 33 और एससी-एसटी की 33 से बढ़ाकर 35 कर दी गई है। इसी तरह ग्रुप डी (लेवल-1) की गैंगमैन, ट्रैकमैन, प्वांइटमैन, फिटर, वेल्डर, पोर्टर, गेटमैन जैसे सामान्य कोटे की अधिकतम आयु 31 से बढ़ाकर 33, ओबीसी की 34 से बढ़ाकर 36, एससी-एसटी की 36 से बढ़ाकर 38 साल कर दी गई है।