हेल्थ डेस्क। प्रसव वार्ड में म्यूजिक सिस्टम लगने से विभाग का मानना है कि महिलाओं को प्रसव पीड़ा के दौरान होने वाले असहनीय दर्द को कम किया जा सकता है। प्रसूव वार्ड में म्यूजिक सिस्टम लगा है, प्रसव के दौरान उसे मंद आवाज में चलाया जाता है, जिससे प्रसूता का ध्यान प्रसव पीड़ा से हटकर गीत की धुन पर चला जाता है। इसे हम पूरे जिले के चिह्नित प्रसव केंद्रों पर लगवाएंगे।
विभाग का मानना है कि म्यूजिक सिस्टम में मधुर गीतों की ध्वनि को मंद आवाज में चलाने से प्रसूता का ध्यान उस गीत पर केंद्रित होगा, जो उसकी प्रसव की पीड़ा का दर्द कम करने में सहायक होगा। खमनोर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रसूता वार्ड में मंद आवाज में गीत की धुन बजाई जाती है।
चिकित्सकों का दावा है कि इससे प्रसूता को मानसिक राहत मिलती है। जहां इसे चलाने में आवाज का बहुत अधिक ध्यान रखना होता है, क्योंकि तेज आवाज हानिकारक भी हो सकती है। खमनोर के अलावा राजसमंद जिले के 37 अन्य स्वास्थ्य केंद्र चिन्हित किए गए हैं।
लेकिन प्रसव वार्डों में म्यूजिक सिस्टम लगाए जाने हैं। जिनमें कुंभलगढ़, भीम, कांकरोली, देवगढ़, आमेट, रेलमगरा, देलवाड़ा और केलवा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, मजेरा, बरार, कुंवारिया, कुंदवा, गजपुर, ताल, बग्गड़, बरार और सरदारगढ़ स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शामिल हैं।
दरअसल इनके अलावा जिले के अन्य 19 उप स्वास्थ्य केंद्रों पर यह म्यूजिक सिस्टम लगाए जाएंगे। इससे पहले राज्य परियोजना निदेशक मातृ स्वास्थ्य डॉ। तरुण चौधरी ने वर्ष 2011-12 के दौरान राजसमंद में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी रहते हुए अस्पतालों में म्यूजिक सिस्टम लगाए जाने की पहल की थी लेकिन उनके जाने के बाद नवाचार दबकर रह गया।