‘आर्ट ऑफ़ लिविंग’ के संस्थापक और धर्मगुरु श्री श्री रविशंकर ने अयोध्या विवाद को लेकर कल ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्यों के साथ बैठक की थी। आज इस बैठक के बाद AIMPLB के अध्यक्ष सलमान नदवी का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि जब न्यायालय का फैसला आता है, तो यह एक संवैधानिक कदम होता है, लेकिन न्यायालय का फैसला लोगों के दिलों को नहीं जोड़ सकता।
नदवी ने आगे कहा कि न्यायालय का फैसला हमेशा एक के पक्ष में और दूसरे के विरोध में होता है। हम चाहते हैं कि जब दोनों धर्म के लोग न्यायालय से बाहर आए, तो उन्हें खुश होना चाहिए। हमने यह बैठक इसलिए आयोजित की कि राम मंदिर और बाबरी मस्जिद से जुड़े सभी मुद्दों पर चर्चा की जा सके। हम एक ऐसे समाधान की तलाश कर रहे हैं, जिसका सार्थक सन्देश देशभर में जाए। हमारी प्राथमिकता लोगों के दिलों को जोड़ना है।
गौरतलब है कि कल गुरुवार यानि 8 फ़रवरी को ही अयोध्या विवाद पर चर्चा हुई थी। न्यायालय ने साफ़ कह दिया कि यह विवाद भूमि से जुड़ा हुआ है, इसे धर्म से मत जोड़िए। कोर्ट ने साफ़ कह दिया था कि वह अयोध्या विवाद पर राजनीतिक और भावनात्मक दलीलें नहीं सुनेगा। यूपी सरकार ने कहा है कि हमने 504 दस्तावेज जमा किए हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने सभी पक्षों को दस्तावेज तैयार करने के लिए दो हफ्ते का वक्त दिया और मामले की अगली सुनवाई 14 मार्च को तय की गई है।