एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
सुरों के बेताज बादशाह मोहम्मद रफी का आज 93वां जन्मदिन है। दुनिया उन्हें रफी साहब के नाम से भी जानती है। मोहम्मद रफी का जन्म 1924 को पंजाब के अमृतसर जिले के कोटला सुल्तान सिंह गांव में हुआ था।
उनके 93वें जन्मदिन पर गूगल ने एक खास डूडल बनाया है। इस डूडल में वह हेडफोन लगाए माइक पर गाते दिख रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ एक आर्टिस्ट गिटार बजा रहा है और हीरो-हीरोइन भी नजर आ रहे हैं।
सभी के दिलों पर राज करने वाले रफी साहब को गाने की प्रेरणा उनके घर के आस पास घूमने वाले एक फकीर से मिली थी। रफी साहब अपने पिता के नाई की दुकान पर ही बैठकर गाने गाया करते थे और लोग उनकी आवाज को काफी पसंद करते थे।
इस बात को देखते हुए उनके पिता ने रफी साहब को क्लासिक म्यूजिक सिखाया। उन्होंने उस्ताद अब्दुल वाहिद खान, पंडित जीवन लाल मट्टो और फिरोज निजामी से क्लासिक म्यूजिक सीखा। रफी ने अपनी पहली परफॉर्मेंस 13 साल की उम्र में दी थी।
रफी ने अपने करियर में सात हजार से ज्यादा गाने गाए। उन्होंने क्लासिक, गजल, रोमांटिक, भजन हर तरह के गाने गाए हैं। इतना ही नहीं उन्होंने हिंदी के अलावा कोंकणी, भोजपुरी, बंगाली, मराठी जैसी कई भाषाओं में गाने गाए हैं।
रफी को छह बार सर्वश्रेष्ठ गायक के रूप में फिल्मफेयर पुरस्कार से नवाजा भी जा चुका है। सुरीली आवाज के इस बादशाह का निधन 30 जुलाई, 1980 में दिल का दौरा पड़ने से हुआ और हिंदी फिल्म संगीत का अनमोल रत्न इस दुनिया को छोड़कर चला गया।