एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
आइडिया सेल्युलर और वोडाफोन इंडिया का एक दूसरे में विलय हो जाएगा। दूरसंचार विभाग आज दोनों के विलय को मंजूरी दे सकता है। सूत्रों के अनुसार, DoT दोनों कंपनियों के प्रमुख को सर्टिफिकेट सौंप सकता है।
दोनों के मर्जर होने से बनने वाली नई कंपनी देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी होगी। नई कंपनी का नाम वोडाफोन-आइडिया लिमिटेड होगा। ग्राहक संख्या के हिसाब से भी यह देश की सबसे बड़ी मोबाइल दूरसंचार सेवा कंपनी है।
दोनों कंपनियों के विलय के बाद से नई कंपनी की संयुक्त कमाई 23 अरब डॉलर (1.5 लाख करोड़ रुपए से अधिक) होगी, जिसका 35 फीसदी मार्केट पर कब्जा होगा।
नई कंपनी के पास करीब 43 करोड़ ग्राहक होंगे, विलय के बाद इस बढ़ी हुई ताकत से दोनों कंपनियों को बाजार प्रतिस्पर्धा (कॉम्पिटिशन) से निपटने में काफी मदद मिलने की उम्मीद है।
मर्जर के बाद वोडाफोन के पास नई कंपनी में 45.1 फीसदी हिस्सेदारी होगी। आदित्य बिड़ला ग्रुप के पास 26 फीसदी और आइडिया के शेयरधारकों के पास 28.9 फीसदी हिस्सेदारी होगी। विलय में जा रही इन दोनों टेलीकॉम कंपनियों पर इस समय कर्ज का संयुक्त बोझ 1.15 लाख करोड़ रुपए के लगभग बताया जा रहा है।
दूरसंचार विभाग आईडिया सेल्यूलर के स्पेक्ट्रम के एकबारगी शुल्क के लिए 2100 करोड़ रुपए की बैंक गारंटी मांग सकता है। इसके अलावा उसे यह भरोसा भी देना होगा कि वह अदालती आदेश के अनुसार स्पेक्ट्रम संबंधी सभी बकायों का निपटान करेगी।
मर्जर की प्रक्रिया पूरी होने के बाद आइडिया ने नई कंपनी के ऐलान के लिए 26 जून को EGM बुलाई है। प्रस्तावों के मुताबिक कुमार मंगलम बिड़ला नई कंपनी के गैर कार्यकारी चेयरमैन होंगे और वोडाफोन इंडिया के मौजूदा सीओओ बालेश शर्मा को कंपनी का सीईओ बनाया गया है।