भारतीय अर्थव्यवस्था “अंधों में काना राजा”- रघुराम राजन

ब्यूरो

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने भारतीय अर्थव्यवस्था को “अंधों में काना राजा” की संज्ञा दी है। वहीं कमजोर वैश्विक आर्थिक स्थिति में भी आयएमएफ़ सहित कई विभिन्न संस्थानों ने भारतीय अर्थव्यवस्था को आर्थिक वृद्धि के लिहाज से चमकते बिन्दुओं में से एक माना है। राजन के नेतृत्व वाले रिजर्व बैंक को इस बात का श्रेय दिया जाता है जिन्होंने देश को वित्तीय अव्यवस्थाओं से सफलता पूर्वक बाहर निकाला है।

दरअसल रघुराम राजन के अनुसार अभी भी हमें उस स्थान पर पहुंचना है, जहां पर हमें संतुष्टि प्राप्त हो सके। हमारे देश में लोकोक्ति है “अन्धो में काना राजा” , और हमारी हालत कुछ वैसी ही है। कभी IMF के मुख्य अर्थशास्त्री रहे राजन, विश्व बैंक एवं IMF की सालाना बैठक व जी-20 के वित्तमंत्रियों व केन्द्रीय बैंक गवर्नर्स की बैठक में शिरकत करने अमेरिका पहुंचे।

डाऊ जोन्स एंड कम्पनी की पत्रिका मार्केटवाच को दिए एक इंटरव्यू में राजन ने ये कहा कि, “ हम मानते हैं कि हम उस मोड़ की ओर बढ़ रहे हैं जहां हम अपने मध्यावधि ग्रोथ टार्गेट को प्राप्त कर सकते हैं, क्योंकि अब हालात ठीक होते जा रहे हैं। निवेश सुदृढ़ हो रहा है और हमारे यहाँ बहुत कुछ व्यापक रूप से स्थिरता का माहौल है । अर्थव्यवस्था हर झटकों से अछूती न होते हुए भी सुरक्षित है।”

रघुराम राजन बेहद स्पष्टवादी प्रवृत्ति के गवर्नर हैं, जो हमेशा खुलकर अपने विचार स्पष्ट करते हैं। उन्हें लगता है तमाम उतार चढ़ावों के बावजूद हमें अभी बहुत कुछ हासिल करना है। दिए गए इंटरव्यू में राजन ने चालू खाते व रेवेन्यू घाटे जैसे मोर्चे पर उपलब्धियों का ज्रिक किया और कहा कि मुद्रास्फीति 11% से घटकर 5% से नीचे आ गई है, जिससे ब्याज दरों में गिरावट की गुंजाइश बनी है।

राजन ने कहा इसमें कोई संदेह नहीं कि मूलभूत सुधार किये जा रहे हैं, और सरकार नवीन दिवाला कोड लाने के लिए भी प्रक्रियारत है व जीएसटी भी आना है। उन्होंने गत सप्ताह शुरू मोबाइल के जरिये दो बैंकों के मध्य किये जाने वाले मुद्रा स्थानांतरण का भी उल्लेख किया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.