एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
वॉशिंगटन. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प प्रवासियों के मुद्दे का इस्तेमाल कर 2020 के राष्ट्रपति चुनाव अभियान को मजबूती देने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते। हाल ही में वे अमेरिकी सीमा पर तैनात बॉर्डर पैट्रोल एजेंट्स से मिलने कैलेक्सिको शहर पहुंच गए थे। यहां सैनिकों से बात करते हुए ट्रम्प ने कहा कि प्रवासियों की समस्या हमारे सिस्टम पर भारी पड़ रही है और हम ऐसा नहीं होने दे सकते। इसके बाद ट्रम्प ने सीमापार मैक्सिको के मैक्सिकैली शहर में प्रदर्शन रहे लोगों से कहा कि अमेरिका पूरी तरह भर चुका है, हम अब और लोगों को यहां नहीं रख सकते। बेहतर होगा कि आप वापस लौट जाएं।
अमेरिका-मैक्सिको सीमा पर शुक्रवार को दोनों देशों के प्रदर्शनकारी भी आमने-सामने थे। मैक्सिको स्थित मैक्सिकैली में 200 प्रदर्शनकारी जुटे थे। बार्डर के पास बेबी ट्रम्प (डायपर पहने ट्रम्प) का एक बड़ा गुब्बार लगा था। साथ ही कई लोगों के हाथ में बोर्ड था, जिसमें लिखा था- परिवारों को अलग करना बंद करो और अगर तुमने दीवार बनाई तो हमारी पीढ़ी उसे उखाड़ फेंकेगी। वहीं अमेरिका की तरफ भी सैकड़ों लोग जुटे थे। उनके पोस्टरों में ‘दीवार बनाओ’ जैसे नारे लिखे थे।
इससे पहले ट्रम्प ने वॉशिंगटन में कहा कि उनकी बॉर्डर बंद करने की धमकी धीरे-धीरे काम कर रही है, क्योंकि मैक्सिको के अधिकारियों ने लोगों को अमेरिका की तरफ जाने से रोकना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि पिछले चार दिनों से मैक्सिको का बर्ताव काफी बेहतर हुआ है।
इमरजेंसी लगाने के ट्रम्प के फैसले पर केस
इसी बीच अमेरिकी संसद (कांग्रेस) के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स ने सीमा पर दीवार बनाने के ट्रम्प के फैसले को रोकने के लिए एक संघीय मुकदमा दायर किया है। इसमें कहा गया है कि ट्रम्प ने सीमा पर दीवार बनाने के लिए इमरजेंसी लगाकर अपनी संवैधानिक ताकतों का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल किया है। मामले में कई विभागों और उनके अधिकारियों के खिलाफ भी शिकायत की गई है।
दरअसल, इमरजेंसी में राष्ट्रपति की ताकतें बढ़ जाती हैं और वह संसद के नियमों को दरकिनार कर अलग-अलग सरकारी विभागों से फंडिंग जुटा सकते हैं। इससे दीवार जल्दी बन जाएगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इमरजेंसी से उन्हें विभागों के खर्च में कटौती कर 8 अरब डॉलर (55 हजार करोड़ रुपए) मिल सकते हैं। यह दीवार बनाने के लिए मांगे गए 5.7 अरब डॉलर (40 हजार करोड़ रुपए) से काफी ज्यादा हैं। इस पर हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स का कहना है कि इस तरीके से दीवार के लिए पैसे जुटाने का ट्रम्प का तरीका असंवैधानिक है, क्योंकि संविधान के मुताबिक फंडिंग पर नियंत्रण का हक सिर्फ संसद को है।