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पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के संयोजक हार्दिक पटेल के जेल में बंद होने की वजह से पटेल आरक्षण आन्दोलन का मामला ठंडा पड़ गया था, लेकिन एक बार फिर से हार्दिक ने माहौल को गर्म करने और आरक्षण अभियान को फिर से पटरी पर लाने के लिए बिगुल बजा दिया है. सूरत के जेल में देशद्रोह के जुर्म में बंद हार्दिक ने अभियान को फिर से ट्रैक पर लाने के लिए एक कोर टीम गठित की है. गिरफ्तारी के बाद आन्दोलन शिथिल पड़ गया था, जिसे पुनर्जीवित करने का प्रयास पटेल ने किया है.
आन्दोलन के दौरान हिंसा के लिए कुछ युवाओं को भड़काने के जुर्म में हार्दिक पटेल को देशद्रोह मामले का सामना करना पड़ रहा है. पटेल समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को जायज़ ठहराते हुए गुजरात के पटेलों ने हार्दिक पटेल का पूरा सहयोग किया. भारी जनादोलन की वजह से हार्दिक और पाटीदार अनामत आन्दोलन समिति की टीम को लगा कि सरकार पर दबाव डालकर आरक्षण को मंजूरी दिलाई जा सकती है.
गत 25 अगस्त को अहमदाबाद में हुई में हुई हिंसा को लेकर पुलिस ने हार्दिक को हिरासत में लिया था. कुछ समय के बाद ही पुलिस को वह ट्रांसक्रिप्शन हाथ लग गाया जिसमे हार्दिक दूसरे पाटीदार नेताओं और कार्यकर्ताओं को हिंसा के लिए भड़का रहे थे. गुजरात पुलिस ने इसी आधार पर हार्दिक को देशद्रोह के आरोप में उन्हें गिरफ्तार किया था.
आन्दोलन समिति के एक पदाधिकारी के मुताबिक़, आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए हार्दिक ने पीएएएस की नई कोर समिति का गठन किया है. 11 संयोजकों की यही कोर समिति आंदोलन के संबंध में फैसला करेगी.