ब्यूरो,
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईरान के दो दिवसीय दौरे के आखिरी दिन राष्ट्रपति हसन रूहानी से मुलाकात की। भारत-ईरान के बीच 12 अहम समझौते हुए। इसमें सबसे महत्वपूर्ण चाबहार पोर्ट समझौता है। इसके अलावा रेलवे को लेकर भी समझौता हुआ है। पर्यटन और हिंदी की पढ़ाई पर भी बातचीत हुई है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने एक ट्वीट में कहा, “मोदी व रूहानी ने एकांत में मुलाकात की और विचारों का आदान-प्रदान किया।” आज सुबह ईरान की राजधानी तेहरान में उनका औपचारिक स्वागत किया गया। पीएम मोदी को यहाँ गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इस सम्मान प्रक्रिया के दौरान जन-गण-मन गूंजता रहा।
चाबहार पोर्ट को भारत 18 महीनों के भीतर विकसित करेगा जिसके बाद भारत सीधे ईरान से व्यापार कर सकेगा और इसी पोर्ट के जरिए भारत अपना माल अफगानिस्तान को भी भेज सकता है।
इन समझौतों के बाद भारत-ईरान ने संयुक्त बयान दिया। ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने संयुक्त बयान में कहा,”पीएम मोदी और उनके प्रतिनिधिमंडल का स्वागत है। हमने भारत के साथ रिश्तों को हमेशा अहमियत दी है। आज हमारे पास इस रिश्ते को और मजबूत करने का मौका है।”
मोदी बोले,”ईरान बुलाने के लिए मैं तहेदिल से राष्ट्पति रुहानी का धन्यवाद करता हूं। शानदार स्वागत के लिए ईरान का शुक्रिया। ईरान के साथ समझौतों से नया अध्याय शुरू होगा। चाबहार पोर्ट के लिए 500 मिलियन डॉलर का निवेश होगा।”
चीन-पाक हैरान-
एक्सपर्ट्स मानते हैं कि भारत और ईरान के बीच ये दोस्ती पाकिस्तान और चीन के लिए करारा झटका साबित होगी। चीन भारत की मुश्किलें बढ़ाने के चक्कर में पाकिस्तान का ग्वादर बंदरगाह विकसित कर रहा है। इसके अलावा पाकिस्तान अफगानिस्तान और भारत के बीच व्यापारिक रिश्तों में भी मुश्किलें पैदा कर रहा है।
चीन और पाक के इन नापाक इरादों के लिए भारत ईरान के बीच की यह डील एक बड़ा झटका साबित होगी। सांस्कृतिक मामलों में भी भारत और ईरान काफी करीब हैं। मोदी को ईरान आने का न्योता खुद वहां के राष्ट्रपति ने दिया था। रेलवे और आईटी सेक्टर में भी ईरान भारत से पहले ही मदद मांग चुका है।