द्वितीय अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चंडीगढ़ के योग कार्यक्रम में शिरकत की। जनता को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि योग जीरो बजट से हेल्थ इंश्योरेंस देने का साइंस है। जिस तरह मोबाइल आपके जीवन का अभिन्न हिस्सा है,उसी प्रकार योग को अपनी जिंदगी का हिस्सा बनाएं। आज पूरा विश्व योग दिवस मना रहा है। देश के हर कोने में योग का कार्यक्रम हो रहा है, जिसे समाज के हर तबके का समर्थन मिल रहा है। उन्होंने कहा कि योग जीवन अनुशासन का अनुष्ठान होता है।
प्रधानमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के संबंध में बताया कि यूएन द्वारा पूरे विश्व में इस दिवस को मनाया जा रहा है। भारत के अनुरोध पर पिछले साल इसकी शुरूआत की गई। 21 जून इस लिए चुनाव गया क्योंकि यह सबसे लंबा दिवस होता है। पीएम मोदी ने योग के लिए दो अवॉर्ड देने का ऐलान किया, एक अवॉर्ड अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर और दूसरा अवॉर्ड राष्ट्रीय स्तर पर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि योग आस्तिक और नास्तिक दोनों के लिए होता है। योग को अमीर और गरीब का भेद नहीं पता साथ ही इसे विद्वान, अनपढ़ का भी भेद नहीं है।उन्होंने अनुरोध किया कि कृपया इसे धर्म से जोड़कर न देखें।
30,000 से अधिक लोगों ने लिया आयोजन में हिस्सा-
चंडीगढ़ में हुए इस आयोजन में 30,000 से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया, जो हर आयु वर्ग के थे। इनमें से करीब 10-10 हजार लोग क्रमश: चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा से आए थे। इसके अलावा चंडीगढ़ में 100 से अधिक अन्य जगहों पर भी करीब 10,000 लोगों ने योग किया।
प्रधानमंत्री ने भी दूसरे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर चंडीगढ़ के कैपिटल कॉम्प्लेक्स में इन 30,000 से अधिक लोगों के साथ योग अभ्यास किया तथा मधुमेह जैसी बीमारियों का प्राचीन आध्यात्मिक पद्धति से इलाज कराने पर जोर दिया। बीती रात यहां पहुंचे प्रधानमंत्री ने लोगों के साथ “कॉमन योग प्रोटोकॉल” के व्यापक प्रदर्शन में हिस्सा लिया।
बढ़ रही है योग प्रशिक्षकों की मांग-
पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया में योग ट्रेनर्स की मांग बढ़ रही है, योग विश्व में आर्थिक कारोबार की तरह अग्रसर है। उन्होंने कहा कि योग हमारे पूर्वजों की विरासत है। देश में डायबिटीज की संख्या बढ़ रही है, योग से डायबिटीज पर कंट्रोल करना संभव है। योग का शारिरिक, मानसिक संतुलन से सीधा संबंध रखता है।
मोदी सरकार के 57 मंत्रियों ने भी अलग-अलग शहरों में योग कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम में करीब 150 दिव्यांगों ने भी हिस्सा लिया जो अपने आप में एक मिसाल है।