कोमल झा| Navpravah.com
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भारत की विदेश नीति जमकर तारीफ की. गुरुवार को राज्यसभा में अपने दो-टूक अंदाज में सुषमा स्वराज ने कहा कि मौजूदा सरकार ने विदेश में भारत का सम्मान बढ़ाया है. सुषमा ने ये भी कहा कि पीएम मोदी में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तक को चुनौती देने का माद्दा है.
सुषमा स्वराज ने कहा कि केंद्र सरकार चीन के साथ विवादों को लेकर गंभीर है, लेकिन हर समस्या का समाधान युद्ध से नहीं हो सकता. सीमापार से आतंकवाद को लेकर सुषमा ने पाकिस्तान को भी खरीखोटी सुनाई. सुषमा ने साफ-साफ लफ्जों में कहा कि आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते. उन्होंने सदन का ध्यान पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के उस बयान की ओर भी दिलाया जिसमें उन्होंने कश्मीर घाटी में मारे गए हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी को शहीद बताया था. सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भी आतंकी गतिविधियों में खास कमी नहीं आने और चीन के साथ चल रहे गतिरोध पर विपक्ष के सवाल का जवाब देते हुए सुषमा ने कहा कि पीएम मोदी के साहस को लेकर सवाल नहीं उठाए जा सकते क्योंकि मोदी में ट्रंप को भी चुनौती देने की हिम्मत है.
सदन में बोलते हुए उन्होंने कहा कि जवाहरलाल नेहरू ने देश के लिए सम्मान कमाया था और पीएम मोदी ने अब सम्मान दिलाया है. उन्होंने कहा कि 17 साल से कोई पीएम नेपाल नहीं गया था. पीएम मोदी 2 बार नेपाल गए, इसके अलावा मालदीव ने हमसे पानी पर मदद मांगी.
साथ ही सुषमा ने कांग्रेस की ओर इशारा करते हुए कहा कि 2008 में ग्वादर में चीनी सेना घुसी, तब किसकी सरकार थी. उन्होंने कहा कि राजीव गांधी 17 साल तक नेपाल नहीं गए.
इस दौरान उन्होंने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि चीन पर भारत का रुख जानने के लिए कांग्रेस को भारत की सरकार के बजाए चीनी राजदूत से मिलने की क्या जरूरत थी.
सुषमा ने सदन में कहा कि विपक्ष बताए कि किस देश से भारत के संबंध खराब हैं. उन्होंने बोला कि चीन की घेराबंदी की शुरुआत तो कांग्रेस सरकार के समय ही शुरू हो गई थी.