एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
बहुप्रतीक्षित ट्रिपल तलाक़ पर आज आखिर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने तीन तलाक़ को असंवैधानिक करार देते हुए उसपर 6 महीने के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार को इस विषय पर कानून बनाने का आदेश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि ट्रिपल तलाक़ असंवैधानिक है। इस विषय पर कोर्ट ने 3-2 के बहुमत के साथ फैसला सुनाया है। जिसपर 6 महीने के लिए रोक लगा दी गई है। सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के 5 में से 3 जजों ने ट्रिपल तलाक़ को असंवैधानिक करार दिया। इसपर 6 महीने की रोक लगाते हुए सरकार को कानून बनाने का आदेश दिया गया है। साथ ही यदि कानून बनाने का काम 6 महीने के भीतर नहीं होता तो ये रोक जारी रहेगी।
दूरदर्शन में प्रकाशित ख़बर के अनुसार तीन तलाक के मामले पर केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी ओर से दिए हलफनामे में कहा था कि वह तीन तलाक की प्रथा को वैध नहीं मानती और इसे जारी रखने के पक्ष में नहीं है।तीन तलाक के मामले पर कोर्ट में 11 से 18 मई तक सुनवाई चली थी जिसके बाद फैसले को सुरक्षित रख लिया गया था।
मामले पर सुनवाई के दौरान कोर्ट में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने माना था कि वह सभी काजियों को अडवाइजरी जारी करेगा कि वे तीन तलाक पर न केवल महिलाओं की राय लें, बल्कि उसे निकाहनामे में शामिल भी करें।
मामले में याचिकाकर्ताओं की दलीलें हैं कि तीन तलाक़ महिलाओं के साथ भेदभाव है जिसे ख़त्म किया जाना चाहिये साथ ही इसके लिए केवल महिलाएं कोर्ट में जाने को बाध्य होती हैं। कुरान में भी तीन तलाक़ का ज़िक्र नहीं है। वहीं मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का कहना है कि ये अवांछित है लेकिन वैध है।क्योंकि ये पर्सनल लॉ का हिस्सा है इसलिए कोर्ट इसमें दखल नहीं दे सकता है। यह प्रथा पिछले 1400 सालों से चली आ रही है और आस्था का विषय है।