शिखा पाण्डेय,
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 27 वें संस्करण में देश को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने नोट बंदी से लेकर कैशलेस इकॉनमी, दिव्यांग जनों से लेकर खेल जगत में भारत की तरक्की तक अनेकों मुद्दों पर चर्चा की। प्रधानमंत्री ने भारत रत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय की जयंती पर उन्हें नमन किया व पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भी उनके जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कामना की कि वर्ष 2017 सभी के लिए मंगलमय हो व देश व देशवासियों को नयी ऊंचाईयों पर ले जाये।
पीएम ने सभी देशवासियों को क्रिसमस की ढेर सारी शुभकामनाएं दीं। प्रधानमंत्री ने ईसा मसीह द्वारा गरीबों की सेवा का ज़िक्र करते हुए एक कहानी सुनाई, जिसके द्वारा उन्होंने गरीबों के योगदान को अति महत्त्वपूर्ण बताया। क्रिसमस के अवसर पर पीएम ने आज से केंद्र सरकार द्वारा शुरू की जा रही दोनों योजनाओं, ‘लकी ग्राहक योजना’ और ‘डीजी धन व्यापर योजना’ के विषय में बताया। पीएम ने बताया कि 50 रु. से ज़्यादा व 3000रु. से कम के डिजिटल लेन देन पर सरकार आज से अगले 100 दिनों तक प्रतिदिन 15000 ‘लकी’ लोगों को 1000-1000 रूपये का ईनाम देगी। इसके अलावा डीजी धन व्यापार योजना में तहत डिजिटल लेन देन करने वाले लकी व्यापारियों को इनाम दिया जायेगा। इसके अतिरिक्त सप्ताह में एक बार बड़ा ड्रा निकाला जाएगा, और बड़ा ईनाम मिलेगा। 14 अप्रैल को डॉ. आंबेडकर जयंती पर बम्पर ड्रा निकाला जाएगा।
पीएम ने बताया की कैशलेस कारोबार में 200-300 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। कैशलेस व्यवस्था को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने इनकम टैक्स में छूट देने की भी घोषणा की है। मोदी ने आँध्रप्रदेश व आसाम का ज़िक्र करते हुए राज्य सरकारों द्वारा इस दिशा में उठाये गए सकारात्मक कदमों की प्रशंसा की। प्रधानमंत्री ने कहा कि तमाम इनफॉर्मल सेक्टर, जहाँ मजदूरों का शोषण हो रहा था, उन्हें उनके अधिकारों से वंचित रखा जा रहा था, उन तामम क्षेत्रों में कैशलेस ट्रांसक्शन से भ्रष्टाचार ख़त्म होगा और मजदूरों को उनका हक मिलेगा। मोदी ने नौजवानों से नए नए सुझावों और टेक्नोलॉजी के ज़रिये अपना योगदान देने का आह्वान किया।
प्रधानमंत्री ने बताया कि नोट बंदी के बाद उन्हें इससे संभंधित तमाम सन्देश भेजे गए। इमेल्स व माय गॉव ऐप पर मिले तमाम संदेशों को उन्होंने 3 भागों में बांटा है। पहले भाग में लोगों ने नोट बंदी के बाद हो रही तमाम असुविधाओं की जानकारी दी है। दूसरे भाग में लोगों ने कहा है कि नोट बंदी एक प्रशंसनीय और पवित्र कदम है,लेकिन उन्होंने उसमें होने वाली तमाम धांधलियों का ज़िक्र किया है। और तीसरे भाग में लोगों ने इस कदम को एक कठोर कदम बताते हुए और मजबूती से आगे बढ़ने और भ्रष्टाचार के खिलाफ और कड़े कदम उठाने को कहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ” तमाम परेशानियों के बावजूद हम पूरे देश से योगदान का अनुभव कर रहे हैं। आपकी पीड़ा मेरी पीड़ा है। लेकिन उत्तम ध्येय के लिए, पवित्र लक्ष्य के लिए थोड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। मेरे देशवासी ‘एजेंट ऑफ़ चेंज’ हैं। देशवासियों ने न केवल परेशानी उठायी, बल्कि विरोधियों को करारा जवाब भी दिया है। देशवासियों ने तमाम अफवाहों और अफवाह उड़ाने वालों को बेनकाब किया।” मोदी ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ महायज्ञ में 125 करोड़ देशवासियों ने अपना योगदान दिया है।
नोट बंदी के बाद नियमों में हुए तमाम बदलाव पर मोदी ने कहा कि जनता की ज़रूरतों को देखते हुए, उनकी सुविधा के अनुसार, उनकी मांगों में अनुसार संवेदनशील सरकार ने तमाम बदलाव किए क्योंकि यह सरकार जनता की सरकार है और जनता के लिए समर्पित है। नोटबन्दी के बाद से भ्रष्टाचारी तमाम प्रकार के नए भ्रष्टाचारी नुस्खे निकालते गए, लेकिन उसके अनुसार हम बदलाव भी करते गए। भ्रष्टाचारी ये भूल गए, कि ‘तुम डाल डाल तो हम पात पात।’ मोदी ने आये दिन पकड़े जा रहे काले धन के सीक्रेट का खुलासा करते हुए बताया कि इन काले कारनामों की जानकारी हमें जनता जनार्दन द्वारा ही दी गई। तमाम बदलावों के साथ भारत की वैश्विक रैंकिंग में सुधार पर मोदी ने प्रसन्नता जताई।
संसद के शीतकालीन सत्र के उचित ढंग से न चल पाने पर मोदी ने दुःख व्यक्त किया लेकिन इस बीच दिव्यांगों के लिए पारित हुए एक बिल पर उन्होंने प्रसन्नता जताई और पैरालिम्पिक्स में भारत द्वारा 4 मेडल्स जीतने को पूरे देश के लिए गर्व का अनुभव बताया। मोदी ने बताया कि पहले दिव्यांगों की मात्रा 7 श्रेणियां थीं, लेकिन अब उन्हें बढ़ाकर 21 कर दिया गया है जिसमें पार्किंसन, बौनापन,थैलीसीमिया आदि को भी समाविष्ट किया गया है।
प्रधानमंत्री ने टेस्ट मैच में भारत द्वारा इंग्लैंड को 4-0 से हराने पर भारतीय टीम को ढेरों बधाइयां दीं। भारत द्वारा 15 साल बाद जूनियर हॉकी वर्ल्ड कप जीतने पर भी टीम को बधाई दी व महिला हॉकी खिलाडियों द्वारा एशिया कप जीतने पर भी उनको बधाई दी।