एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
भारत सरकार के केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख़्तार अब्बास नकवी ने प्रेस कांफ्रेंस में बोलते हुए स्पष्ट किया है कि तीन तलाक के खिलाफ जो कानून बनाया जाएगा, उसका मकसद किसी को परेशान करना नहीं है। इस कानून से मुस्लिम महिलाओं को संवैधानिक अधिकार दिलाने के साथ-साथ समाज में नारी न्याय, नारी समानता और समाज में महिलाओं को बराबरी का हक दिलाने के नजरिए से देखना चाहिए।
बता दें कि नकवी के मंत्रालय ने आज प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया था। इस कांफ्रेंस के दौरान नकवी ने कहा कि तीन तलाक का मुद्दा बहुत लंबे समय से परेशानी का विषय बना हुआ था, सरकार इसको लेकर कानून ला रही है। नकवी ने आगे कहा कि यह कानून किसी को परेशान करने के लिए नहीं है, बल्कि मुस्लिम महिलाओं को न्याय दिलाना और उनको संवैधानिक अधिकार दिलाना है।
शुक्रवार को केंद्र सरकार के मंत्रिमंडल ने मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक को मंजूरी प्रदान की। वही, संसद के वर्तमान सत्र में इस विधेयक को पेश किए जाने की सम्भावना है। इस विधेयक में तीन तलाक के लिए सजा का प्रावधान है, जिसमें जो भी व्यक्ति तीन तलाक देगा उसे 3 साल तक की कारवास के साथ-साथ जुर्माना भी हो सकता है।