एनपी न्यूज़ डेस्क|Navpravah.com
आज इसरो द्वारा जिस उपग्रह को लॉन्च किया जाना था वो निष्फल साबित हुआ है। पीएसएलवी सी 39 के माध्यम से आज इसरो ने आईआरएनएसएस 1एच सेटेलाइट को ऑर्बिट तक पहुंचाया जाना था। जिसकी लॉन्चिंग तो हुई लेकिन अपनी तीसरी चरण के इजेक्शन में हीटशील्ड उपग्रह से अलग ही नहीं हुई।
Launch mission has not succeeded. Heat shield has not separated as a result of which satellite is inside the 4th stage: ISRO Chief pic.twitter.com/x4wi7cVZAM
— ANI (@ANI) August 31, 2017
इसरो का यह स्वदेशी नेविगेशन प्रणाली की ओर एक बड़ा कदम था जिसमें उसे असफलता का सामना करना पड़ा है।
सात बजे प्रक्षेपण समय निर्धारित था जिसके बाद इसे ऑर्बिट में जाकर स्थापित होना था। श्रीहरिकोटा स्थित सटीश धवन स्पेस सेंटर से इसे लॉन्च किया गया। लगभग 1400 किलो वजन वाले इस उपग्रह से देश की कई व्यवस्थाओं में सुधार होना था।
गौरतलब है कि इंडियन सेटेलाइट लॉन्चिंग सिस्टम ने दुनिया भर में अपनी धाक जमा दी है। IRNSS जिसे नेविगेशन विथ इंडियन कांस्टेलेशन को शार्ट फॉर्म में नाविक भी कहा जाता है। ये सिस्टम अमेरिका के GPS ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम की तरह ही काम करता है। इसकी रेंज भारत के 1500 के आसपास के क्षेत्र तक ही है।
इसी सिस्टम का उपयोग समुद्री जहाजों को रास्ता दिखाने व ट्रेन की लोकेशन बताने वाले तंत्र में किया जाता है। इसके साथ ही ऐसे कई क्षेत्रों में इस सिस्टम को इस्तेमाल किया जाता है।
अमेरिका रूस चीन जापान और यूरोपीय संघ के नेविगेशन सिस्टम की तरह ही, भारत के नाविक ने विश्व स्तरीय नेविगेशन प्रणाली में अपनी पैठ बना ली है। इसरो द्वारा लगातार भारत की नेविगेशन प्रणाली को विकसित किये जाने की ओर सकारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं जिससे देश को एक नई उम्मीद नज़र आई है।