New Delhi. कर्नाटक में जारी राजनीतिक संकट के बीच राज्य की कांग्रेस-जेडीएस सरकार गिर जाने के बाद बीएस येदियुरप्पा ने 26 जुलाई को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। आज कर्नाटक विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद बीएस येदियुरप्पा ने सदन में विश्वास मत पेश किया। इसके बाद इस पर कांग्रेस नेता सिद्धारमैया और पूर्व मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने अपनी प्रतिक्रिया दी। सिद्धारमैया ने विश्वास मत का विरोध किया। अंत में बीएस येदियुरप्पा सरकार की ओर से ध्वनि मत के जरिये बहुमत साबित कर दिया गया।
कर्नाटक विधानसभा में मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के बहुमत साबित करने के बाद विधानसभा स्पीकर केआर रमेश कुमार ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इसके साथ ही विधानसभा शाम 5 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है। कर्नाटक विधानसभा में वित्त विधेयक को अगले तीन महीने के लिए पास कर दिया है।
विश्वास मत पर चर्चा के दौरान कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने कहा कि सत्ता स्थायी नहीं होती है। यह पीएम नरेंद्र मोदी और जेपी नड्डा के लिए भी स्थायी नहीं है। हमने कभी आपका संख्याबल 105 से 100 से इससे नीचे तक गिराने की कोशिश नहीं की। आपने राज्य में सूखे का जिक्र किया। कम से कम अब हम यह देखेंगे कि आप कैसे काम करते हैं। हम जनता की भलाई के लिए आपका साथ देंगे।
विश्वास मत पर चर्चा के दौरान कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने कहा कि मैंने 14 महीने सरकार चलाई। मैं आपके (येदियुरप्पा) सवालों का जवाब देने के लिए बाध्य नहीं हूं। पिछले 14 महीने से जो कुछ भी हुआ वह सब रिकॉर्डेड है। जनता जानती है कि मैंने क्या कार्य किए हैं।
विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद कांग्रेस नेता सिद्धारमैया और पूर्व सीएम एचडी कुमारस्वामी के विरोध के बावजूद येदियुरप्पा सरकार ने ध्वनि मत से बहुमत साबित कर दिया।
कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने कहा कि हम आशा करते हैं कि बीएस येदियुरप्पा मुख्यमंत्री हो सकते हैं लेकिन इसकी कहीं कोई गारंटी नहीं है। आप लोग बागी विधायकों के साथ हैं, ऐसे में क्या आप स्थिर सरकार दे सकते हैं? यह नाममुकिन है। मैं इस विश्वास मत का विरोध करता हूं। क्योंकि यह सरकार असंवैधानिक है।