नई दिल्ली. कर्नाटक की 15 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव की मतगणना जारी है। रुझानों में भाजपा 2 सीटों पर आगे है। 10 सीटें जीत ली हैं। कांग्रेस को दो सीटों पर जीत मिली है। एक सीट पर निर्दलीय को बढ़त मिली है। 6 सीटें जीतने के साथ ही भाजपा की येदियुरप्पा सरकार सुरक्षित हो गई है। उपचुनाव के यह नतीजे भाजपा सरकार के लिए बेहद अहम माने जा रहे हैं, क्योंकि उपचुनाव के बाद विधानसभा में 222 सीटें हो जाएंगी। उस स्थिति में बहुमत का आंकड़ा 112 होगा। इस स्थिति में येदियुरप्पा को सत्ता बचाने के लिए 6 सीटें जीतना जरूरी था।
इसी बीच, कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने कहा- मैंने कांग्रेस विधायक दल के नेता के पद से इस्तीफा दे दिया है। विधायक दल का नेता होने के नाते मुझे लोकतंत्र का सम्मान करना चाहिए। मैंने अपना इस्तीफा सोनिया गांधी को भेज दिया है। वहीं, कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने हार स्वीकार कर ली। उन्होंने कहा- उपचुनाव में जनता ने दल बदलने वालों को पसंद किया। हमें नतीजे से निराश नहीं होना चाहिए। 5 दिसंबर को उपचुनाव की 15 सीटों पर 165 उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे।
क्यों हुए 15 सीटों पर उपचुनाव
कांग्रेस और जेडीएस के 17 विधायकों ने तत्कालीन मुख्यमंत्री कुमारस्वामी के फ्लोर टेस्ट से पहले इस्तीफा दे दिया था। तब के स्पीकर केआर रमेश कुमार ने इस्तीफा स्वीकार न करते हुए सभी विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया था, इसलिए 15 सीटों पर उपचुनाव हुए। दो सीटों मस्की और राजराजेश्वरी नगर पर कर्नाटक हाईकोर्ट में मामला लंबित है, इसलिए यहां चुनाव बाद में होंगे।
कर्नाटक में सीटों का गणित
कर्नाटक विधानसभा में कुल 224 सीटें हैं। 17 विधायकों को अयोग्य ठहराने के बाद विधानसभा सीटें 207 रह गईं। इस लिहाज से बहुमत के लिए 104 सीटों की जरूरत थी। भाजपा (105) ने एक निर्दलीय के समर्थन से सरकार बना ली। 15 सीटों पर उपचुनाव होने के बाद विधानसभा में 222 सीटें हो जाएंगी। उस स्थिति में बहुमत का आंकड़ा 112 होगा। भाजपा को सत्ता में बने रहने के लिए कम से कम 6 सीटों की जरूरत होगी।