नए साल के लिए ‘1 सेकण्ड’ और करना होगा इंतज़ार!

शिखा पाण्डेय,

घड़ी की सूइयों में बंधा, बिलकुल नपा तुला ‘समय’, जो कभी किसी का इंतज़ार नहीं करता, जो कभी रुकता नहीं, वही ‘समय’ साल 2017 का आगमन पूरे एक सेकेंड की देरी से करेगा। अर्थात साल 2016 में 1 सेकेंड का समय अतिरिक्त जुड़ गया है। जी हां! साल 2016 एक सेकेण्ड लंबा होगा। नववर्ष की पूर्व संध्या पर वैश्विक घड़ी में एक ‘लीप सेकेण्ड’ के जुड़ने के कारण ऐसा होगा।

वाशिंगटन डीसी के अमेरिकी नौ सेना वेधशाला के मास्टर क्लॉक फेसिलिटी में समन्वित वैश्विक समय (यूटीसी) के अनुसार 23 बजकर 59 मिनट और 59 सेकेण्ड पर अतिरिक्त सेकेण्ड जोड़ा जाएगा। वहीं भारतीय मानक समय के अनुसार एक जनवरी को सुबह 05:29:59 पर यह इजाफा प्रभावी होगा।

गौर करें तो साल 2016 लीप ईयर था यानी इस साल फरवरी 28 दिनों की जगह 29 दिनों की थी। यानी हर साल के मुकाबले हमें एक दिन का समय अधिक मिला था। अब वैज्ञानिकों ने बताया कि इस साल के अंत में एक लीप सेकंड का समय और जुड़ जाएगा। कारण, धरती के घूर्णन की गति पहले से कुछ मंद हुई है। उल्लेखनीय है कि ऐतिहासिक रूप से ‘समय’ पृथ्वी द्वारा खगोलीय पिंडों की परिक्रमा पर निर्भर करता था और इसी संदर्भ में सेकेण्ड को परिभाषित किया जाता था। एटॉमिक क्लॉक्स के आविष्कार के बाद हालांकि इससे जुड़े परिवर्तन हुए और अब सेकेण्ड पृथ्वी की परिक्रमा से अलग है।

क्यों होता है बदलाव-

यूएस नेवल ऑब्जरवेट्री के जिओफ चेस्टर ने बताया कि कई बार धरती को रोजाना अपना चक्कर पूरा करने में कुछ अधिक समय लगता है। इसलिए कभी-कभार टाइमकीपर्स धरती के घूर्णन की गति को मिलाने के लिए समय में एक या दो सेकंड का समय अतिरिक्त बढ़ा देते हैं।

उन्होंने बताया कि चंद्रमा के कारण आने वाले ज्वार-भाटे और अन्य कारणों जैसे अल-नीनो के प्रभाव के कारण धरती को रोजाना एक चक्कर पूरा करने में कुछ अधिक समय लग जाता है। यही वह अतिरिक्त समय है जो साल के आखिरी में 31 दिसंबर को 23 बजकर 59 मिनट और 59 सेकंड में जोड़ दिया जाएगा।

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