एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
बोधगया में वर्ष 2013 में हुए महाबोधी मंदिर में सीरियल बम ब्लास्ट केस में एनआईए कोर्ट ने आज अपना फैसला सुना दिया है, कोर्ट ने सभी पांचों दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है और सभी दोषियों पर 40-40 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
इसके अलावा नाबालिग उमर सिद्दीकी को 3 साल की सजा दी गई है, पिछले साल नवंबर में उसकी सुनवाई के दौरान दोषी करार दिया गया था और तीन साल के लिए बाल संप्रेक्षण गृह भेज दिया गया था।
कल सजा के बिंदु पर बहस पूरी नहीं हो सकी थी, कोर्ट में एनआईए के वकील ने अपना पक्ष रखते हुए दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की थी।
इससे पहले अदालत ने बोधगया के महाबोधि मंदिर के पास पांच साल पहले हुए सिलसिलेवार बम विस्फोट मामले में बीती 25 मई को सभी पांचों आरोपियों को दोषी करार दिया था।
11 मई, 2018 को दोनों पक्षों की ओर से बहस पूरी होने के बाद एनआईए अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, अदालत ने उमर सिद्दिकी, अजहरुद्दीन कुरैशी, हैदर अली, मुजिबुल्लाह अंसारी और इम्तियाज अंसारी को बोधगया में श्रृंखलाबद्ध बम विस्फोट मामले में दोषी करार दिया था।
इस धमाके में एक तिब्बती बौद्ध भिक्षु और म्यांमार के तीर्थ यात्री घायल हो गए थे, बोधगया ब्लास्ट में एनआईए की तरफ से 90 गवाहों को पेश किया था, हाल ही में कोलकाता पुलिस ने बोधगया बम बरामदगी मामले से जुड़े होने के आरोप में आतंकवादी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश के एक संदिग्ध सदस्य को गिरफ्तार किया था।