आँचल जायसवाल,
राज्य की न्यायिक सेवा में पिछड़ा, अति पिछड़ा, अनुसूचित जाति व जनजाति को 50 फीसदी आरक्षण मिलेगा। राज्य कैबिनेट की हुई बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी। आरक्षण का यह प्रावधान बिहार उच्च न्यायिक सेवा और बिहार असैनिक सेवा, न्याय (जूडिशियल मजिस्ट्रेट) में लागू होगा।
कैबिनेट के फैसले के मुताबिक, अब बिहार न्यायिक सेवा और उच्च न्यायिक सेवा में अति पिछड़ा को 21 प्रतिशत, अनुसूचित जाति को 16 प्रतिशत, पिछड़ा वर्ग को 12 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति को एक प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिलेगा। यह कुल आरक्षण का 50 प्रतिशत होगा, जिसमें महिलाओं को क्षैतिज रूप से 35 प्रतिशत और शारीरिक रूप से अक्षम को एक प्रतिशत आरक्षण मिलेगा।
किसी भी श्रेणी की आरक्षित कुल सीटों में उसी श्रेणी की महिलाओं को 35 प्रतिशत और शारीरिक रूप से अक्षम को एक प्रतिशत आरक्षण मिलेगा।सामान्य श्रेणी की सीटों में भी 35 प्रतिशत महिलाओं को और एक प्रतिशत शारीरिक रूप से अक्षम को आरक्षण मिलेगा।
कैबिनेट की बैठक के बाद सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव डॉ धर्मेंद्र सिंह गंगवार ने कहा कि पूर्व में सिर्फ सबॉर्डिनेट न्यायिक सेवा में आरक्षण का प्रावधान था, इसमें एससी कोटे को 16 प्रतिशत, एसटी कोटे को एक प्रतिशत और अति पिछड़ा को 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान था। अब राज्य सरकार ने बिहार उच्च न्यायिक सेवा यानी अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की नियुक्ति में भी आरक्षण देने का निर्णय लिया है।